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बनभाेरी में प्रवासी मजदूरों के साथ बर्बरता का
मामला, भीम आर्मी ने उठाया था मामला
बनभोरी मामले के जेल में बंद दो आरोपित की ज़मानत
याचिका ख़ारिज
हिसार, 16 दिसंबर (Udaipur Kiran) । बरवाला क्षेत्र के गांव बनभौरी मेले में 10 अक्तूबर
को दिहाड़ी पर बुलाए गए 11 प्रवासी मजदूरों से हुई अवैध वसूली और बर्बरता के मामले
के जेल में बंद दो आरोपीयों सेवा सिंह और सतबीर उर्फ बिल्लू की जमानत याचिका सोमवार
को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. गगनदीप मितल ने खारिज कर दी। उन्होंनने दोनों पक्षों
की बहस सुनने के बाद तथ्यों को देखते हुए फैसला दिया।
पीड़ित प्रवासी मजदूरों की तरफ से न्यायालय में
पैरवी कर रहे एडवोकेट बजरंग इंदल ने बताया कि मजदूरों की शिक़ायत पर 10 अक्तूबर को
गांव बनभौरी मेले में दिहाड़ी पर बुलाए गए 11 प्रवासी मजदूरों के साथ हुई अवैध वसूली
और बर्बरता करने का मुकदमा बरवाला थाने में दर्ज हुआ था। मजदूरों की तरफ से दर्ज करवाई
गई एफआईआर नंबर 723 में ठेकेदार सतीश, उसका बेटा अमन, सेवाराम, राजबीर, राजेंद्र सहित
आठ दस अन्य आरोपी बनाए गए थे। मुकदमा दर्ज होने बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार
कर जेल भेज दिया था जबकि मुख्य आरोपी ठेकेदार सतीश ने जिला सेशन कोर्ट और बाद में हाईकोर्ट
में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी जो क्रमश 18 अक्टूबर को व 14 नवंबर को खारिज कर दी
गई थी।
जेल में बंद एक आरोपी बसाउ ने भी जिला न्यायालय हिसार में जमानत याचिका दायर
की थी जो 6 नवंबर को डिसमिस कर दी गई थी। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मुख्य नामजद
आरोपी ठेकेदार सतीश की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर उसे 10 दिनों में सरेंडर करने
का आदेश दिया था। मुख्य आरोपी ठेकेदार सतीश द्वारा जिला न्यायालय में सरेंडर के बाद
जमानत याचिका लगाई थी जो खारिज हो चुकी है। करीब दो महीने से जेल में बंद दो आरोपितों
सेवा सिंह और सतबीर उर्फ बिल्लू ने 11 दिसंबर को जमानत याचिका दायर की थी जो कड़ी बहस
के बाद न्यायालय ने खारिज कर दी।
उल्लेखनीय है कि पीड़ित प्रवासी मजदूरों की आवाज
दबाने के लिए आरोपीगण ने बरवाला थाने की एक महिला पुलिसकर्मी से मिलकर इन मजदूरों के
खिलाफ ही झूठा छेड़छाड और स्नेचिंग का केस दर्ज करवा दिया था जो बाद में जांच के उपरांत
खारिज कर दिया गया था।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
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