
हकृवि ने जीवाणु खाद का उत्पादन बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र की कंपनी के साथ
किया समझौता
हिसार, 6 जून (Udaipur Kiran) । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने जैविक खेती को बढ़ावा
देने के उद्देश्य से हैबिटेट जीनोम प्राइवेट इम्प्रुवमेंट प्राइमरी प्रोड्यूसर कंपनी
लिमिटेड के साथ जीवाणु खाद उत्पादन बारे एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
किए हैं। इस सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से विश्वविद्यालय के सूक्ष्म
जीव विज्ञान विभाग के बायो फर्टिलाइजर प्रोडक्शन यूनिट में वैज्ञानिकों की मदद से गुणवत्ता
युक्त जीवाणु खाद का उत्पादन बढ़ाया जाएगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.बीआर कम्बोज ने शुक्रवार काे बताया कि यह साझेदारी किसानों
तक उच्च गुणवत्तायुक्त की जीवाणु खाद पहुंचाने में एक मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने
बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा पहले से ही फसलों के अनुसार उपयुक्त जीवाणु की पहचान
कर ली गई है, इन जीवाणुओं से फसल उत्पादन में काफी सहायता मिली है। दलहनी फसलों के
लिए राइजोबियम का टीका, अनाज, फल, फूल एवं सब्जियों के लिए ऐजाटोबैक्टर का टीका सूक्ष्म
जीव विज्ञान विभाग के बायोफर्टिलाइजर यूनिट में तैयार किए जाते हैं। ये टीके वायुमंडलीय
नाइट्रोजन को ग्रहण कर पौधों को प्रदान करते हैं। जीवाणु खाद भी वायुमंडलीय नाइट्रोजन
को पौधों तक पहुंचाने का कार्य करती है और रासायनिक खादों जैसी यूरिया व डीएपी की आवश्यकताओं
को कम करती है।
कुलपति प्रो. कम्बोज ने बताया कि वर्तमान समय में महंगे बीज और रासायनिक खादों
के बावजूद घटती पैदावार चिंता का विषय है, जिसका मुख्य कारण मृदा की घटती जा रही ताकत
है। ऐसे में जैविक तत्वों व लाभदायक जीवाणुओं का संतुलन बनाकर टिकाऊ खेती को अपनाना
समय की मांग है। यह साझेदारी न केवल हरियाणा बल्कि देश भर के किसानों के लिए एक नई
शुरुआत है जो सत्तत एवं पर्यावरण अनुकूल खेती को प्रोत्साहित करेगी। बायोफर्टिलाइजर
तकनीक पर्यावरण के अनुकूल व कम लागत वाली है। इस समझौता ज्ञापन पर विश्वविद्यालय की
ओर से अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग व मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के
अधिष्ठाता डॉ. राजेश गेरा ने हस्ताक्षर किए जबकि हैबिटेट जीनोम प्राइवेट लिमिटेड की
ओर से एमडी सुरेंद्र सिंह स्याहडवा व चेयरमैन सतीश कुमार ने हस्ताक्षर किए।
हैबिटेट जीनोम इम्प्रुवमेंट प्राइवेट प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड हिसार के चेयरमैन
सतीश कुमार ने बताया कि एचएयू के साथ किए गए समझौते के अंतर्गत कंपनी को सूक्ष्म जीव
विज्ञान की बायोफर्टिलाइजर प्रयोगशाला का उपयोग करने की अनुमति प्रदान की गई है।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
