Uttar Pradesh

हजारों दियों के प्रकाश से जगमग हुई कुशीनगर की हिरण्यवती नदी

कुशीनगर हिरण्यवती नदी

कुशीनगर, 15 नवंबर (Udaipur Kiran) ।कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली व गुरुनानक देव के 555वें प्रकाश पर्व के अवसर पर शुक्रवार की देर शाम कुशीनगर की बुद्धकालीन हिरण्यवती नदी हजारों दियों के प्रकाश से जगमगा उठी। लोगों ने दीपक के प्रकाश के भांति समाज में उजियारा फैलाने व मनीषियों के दिखाए रास्तों पर चलने का संकल्प लिया। वाइटल केयर फाउंडेशन के तत्वाधान में हुए आयोजन के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए।

मुख्य अतिथि पूर्व विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने कहा कि वर्तमान समय में जब सनातन धर्म व संस्कृति पर बाहरी ताकते हमला कर रही हो, ऐसे आयोजनों की प्रासंगिकता बढ़ जाती है। उन्होंने पर्यटन विकास के लिए भी इसे जरूरी बताया। पूर्व विधायक ने आयोजन की निरंतरता बनाए रखने और इसे और भव्य बनाने के साथ विदेशी पर्यटकों और आम जन की अधिकाधिक सहभागिता बढ़ाने पर जोर दिया। कहा कि आयोजन में पर्यटक आयेंगे तो वह सनातन भारतीय संस्कृति व संस्कार के आयाम को जानने के साथ आत्मसात भी कर सकेंगे।

विशिष्ट अतिथि पूर्व जिला व सत्र न्यायाधीश संतोष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि देव दीपावली दिव्यता धारण करने का पर्व है। देवता भी देवलोक से दीपावली मनाने पृथ्वी पर आते हैं। यह पर्व सुख, शांति व समृद्धि का संदेश देता है। भाजपा जिलाध्यक्ष दुर्गेश राय ने कहा कि आज ही के दिन गुरुनानक का जन्म हुआ था। नगरपालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि राकेश जायसवाल ने कहा कि भगवान बुद्ध ने आज के ही दिन 60 अर्हत भिक्षुओं को धर्म प्रचार के लिए रवाना किया था। यह दिन मानवता को समृद्ध करने का संकल्प लेने का दिन है। अतिथियों का स्वागत एडवोकेट आलोक श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष त्रिभुवन तिवारी,सह मंत्री उमेश चंद गुप्ता ने किया।

फाउंडेशन के सचिव डा. अनिल कुमार सिन्हा ने आभार ज्ञापित किया। संचालन वीरेश राय व विकास श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से किया।

इस अवसर पर डा. सी एस सिंह,

मनीष श्रीवास्तव, सुरेश गुप्त, डा. ज्ञान प्रकाश राय, डा.योगेश्वर मद्धेशिया,सभासद संघ अध्यक्ष राजेश मद्धेशिया,

शशिप्रभा सिन्हा, दिव्यांशु श्रीवास्तव,डा.सुमन मणि, अमृता श्रीवास्तव, रंजना मद्धेशिया, शिवानी श्रीवास्तव,

डा. भिक्षु नन्द रतन, भंते महेंद्र, भंते अशोक, सरदार जसप्रीत सिंह, सरदार गुरमीत, डा. एस के सिंह, सभासद केशव सिंह, आदि उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / गोपाल गुप्ता

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