कानपुर, 10 जनवरी (Udaipur Kiran) । विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर शुक्रवार को राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में हिंदी भाषा को समर्पित एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के जरिये हिंदी के क्षेत्र में उत्कर्ष कार्य कर रहे समाज सेवियों व कवियों को सम्मानित किया गया। संस्थान की निदेशक प्रो. सीमा परोहा ने कहा कि देवभाषा की सगी बहन हिंदी अब वैश्विक सीमाओं को लांघकर विश्व भाषा बनने की ओर अग्रसर है। यह बड़े सौभाग्य की बात है कि दुनिया भर में अंग्रेजी और चीनी भाषा के बाद हिंदी भाषा ही सबसे ज्यादा बोली जाती है।
राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में आयोजित हुए इस कार्यक्रम को मां वीणापाणि को माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के उपरांत कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। हिंदी साहित्य साधना में वर्षों से अपनी कविताओं और कहानियों के माध्यम से सराहनीय योगदान दे रहीं डॉ. कमल मुसद्दी का सम्मान संस्थान की निदेशक, प्रो.सीमा परोहा द्वारा किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ हिंदी सेवी जगदीश नारायण सिंह ने अपनी विशिष्ट उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा बढाई। संस्थान की निदेशक प्रो. परोहा द्वारा उन्हें शाल एवं पुस्तक भेंट की गईं। इस अवसर पर आयोजित अभिनंदन समारोह में संस्थान में कार्यरत लगभग 60 से अधिक कार्मिक उपस्थित रहे।
प्रो. सीमा परोहा ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब हमारी हिंदी विश्वभाषा घोषित की जायेगी। हिंदी की कवयित्री डॉ. कमल मुसद्दी ने कहा कि विश्व में सबसे ज्यादा साहित्य अगर किसी भाषा में है तो वह हिंदी ही है। सबसे ज्यादा फिल्में आज अगर बनती हैं या देखी जाती हैं तो वो हिंदी फिल्में हैं। बहुत सारे हिंदी गाने विश्व के अनेक भू भागों में हिंदी और अहिंदी भाषियों द्वारा गुनगुनाये जाते हैं। हिंदी में मौजूद सरसता इसको सर्वव्यापकता का गुण प्रदान करती है। डॉ.मुसद्दी ने अपनी सारगर्भित रचनाओं से उपस्थित जन को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से एसके त्रिवेदी, अशोक कुमार गर्ग, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. विनय कुमार, डॉ. अनंत लक्ष्मी रंगराजन, मिहिर मंडल, संजय चौहान, अनूप कुमार कनौजिया, वीरेन्द्र कुमार, डॉ. सुधांशु मोहन, बृजेश कुमार साहू, डॉ. लोकेश बाबर, अखिलेश कुमार पांडेय, सुनीत कपूर, योगेश श्रीवास्तव, दया शंकर मिश्र आदि वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मल्लिका द्विवेदी, सहायक निदेशक (राजभाषा) ने किया एवं समारोह में शामिल संस्थान कर्मियों एवं विद्वान वक्ता का आभार व्यक्त करते हुये धन्यवाद ज्ञापित किया।
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(Udaipur Kiran) / Md. Mahmad