HimachalPradesh

जलवायु परिवर्तन के चलते हिमालय की ग्लेशियर झीलें कभी भी मचा सकती हैं भारी तबाही : प्रो. पांडेय

कार्यशाला में मौजूद प्रतिभागी।

धर्मशाला, 24 मार्च (Udaipur Kiran) । हिमालय की चुनौतियों तथा उसका समाधान थीम पर उपायुक्त कार्यालय के सभागार में आयोजित संगोष्ठी में दिल्ली विवि के हिमालयन स्टडी सेंटर, भूगोल तथा दिल्ली स्कूल ऑफ इक्नोमिक्स के शोधकर्ताओं ने हिमालय की चुनौतियों और संरक्षण के संदर्भ अपने अपने शोध कार्यों कार्यों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई।

इस अवसर पर बतौर मुख्यातिथि हिमालयन स्टडी सेंटर के निदेशक प्रोफेसर बीडब्लयू पांडेय के कहा कि हिमालय जीवन का ताज है, हिमालय दुनिया के 51 प्रतिशत आबादी का भरण पोषण करता है। हिमालय दुनिया की सबसे ऊंचे माउंटेन रेंज में से एक है। यहां मौजूद बड़े ग्लेशियर करोड़ों लोगों के लिए पानी का प्रमुख स्रोत हैं लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण ये ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। इससे जलस्रोतों पर असर तो पड़ ही रहा है, साथ ही खतरनाक समस्याएं भी खड़ी हो रही हैं। रिसर्च से पता चला है कि हिमालय में बनने वाली ग्लेशियर झीलें लगातार बड़ी होती जा रही हैं जो कभी भी फट सकती हैं और भारी तबाही मचा सकती हैं। वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि ग्लेशियरों का यह अप्राकृतिक बदलाव पर्यावरण के साथ साथ इंसानी बस्तियों के लिए भी बड़ा खतरा बन सकता है।

उन्होंने कहा कि हिमालय के अधिकांश पर्यटक स्थल धीरे-धीरे कंक्रीट के जंगलों में तब्दील होते जा रहे हैं, जिससे इस क्षेत्र की पारिस्थितिकी प्रभावित हुई है। मनुष्यों के साथ वाहनों की आवाजाही ने भी बर्फ के पिघलने की रफ्तार बढ़ाई है। वनों के अंधाधुंध कटान से भी पारिस्थितिकीय तंत्र प्रभावित होता है और पहाड़ों पर पानी के ठहरने की प्रक्रिया बाधित होती है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हिमालय क्षेत्र में भूमि उपयोग में हो रहे बदलाव के कारण भी तापमान बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि हिमालय की जलवायु में हो रहे परिवर्तनों और उसके समाधान के लिए हिमालय स्टडी सेंटर के शोध कर्ता धर्मशाला तथा चंबा के भरमौर क्षेत्र में पांच दिन तक फील्ड इंवस्टीगेशन करेंगे। इससे पहले उपायुक्त हेमराज बैरवा ने हिमालय स्टडी सेंटर के शोधकर्ताओं के साथ सरकार द्वारा हिमालय के संरक्षण के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान दौर में हिमालय तथा गलेशियरों का संरक्षण अत्यंत जरूरी है इस के लिए शोधकर्ताओं के सुझाव तथा रिपोर्ट्स सरकार को योजनाएं तथा कार्यक्रम बनाने में अहम साबित होंगी।

(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया

Most Popular

To Top