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हिमाचल की निर्मल ठाकुर को मिलेगा महाराजा दाहिरसेन सप्त सिन्धु सम्मान

धर्मशाला, 21 सितंबर (Udaipur Kiran) ।हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले से संबंध रखने वाली निर्मल ठाकुर को इस वर्ष महाराजा दाहिरसेन सप्त सिन्धु आजीवन सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। सप्त सिन्धु फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री ने बताया कि यह सम्मान शिक्षा, साहित्य व समाज सेवा के क्षेत्र में जीवन भर की उपलब्धियों के सम्मान में दिया जाता है।

उन्होंने बताया कि इस सम्मान के लिए 31 अगस्त तक प्रविष्टियों आमंत्रित की गई थीं। उन पर विचार करने के उपरान्त शिमला की वयोवृद्ध शिक्षिका, साहित्यकार व निष्ठावान समाज सेवी श्रीमती निर्मल ठाकुर का इस सम्मान के लिए चयन किया गया है। सम्मान में इक्यावन हजार की धनराशि के अतिरिक्त प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।

बकौल प्रो. अग्निहोत्री, सप्त सिन्धु क्षेत्र भारतीय संस्कृति और सभ्यता का मूल माना जाता है। इसी क्षेत्र में वेदों की रचना हुई थी और इसी मार्ग से एशिया भर में बुद्ध वचनों का प्रसार हुआ था। सन् 712 में जब सप्त सिन्धु क्षेत्र पर अरबों ने हमला किया तो देश की रक्षा के लिए लड़ते हुए उस समय के सिन्ध नरेश महाराजा दाहिरसेन ने हमलावरों का मुकाबला करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। फाऊंडेशन ने इस वर्ष से महाराजा दाहिरसेन सप्त सिन्धु आजीवन सम्मान स्थापित किया है।

प्रो. अग्निहोत्री ने कहा कि निर्मल ठाकुर की रचनाओं से सप्त सिन्धु की आत्मा से साक्षात्कार होता है। निर्मल ठाकुर की प्रारम्भिक शिक्षा लाहौर में हुई थी और बाद की शिक्षा शिमला में हुई। वे शिमला के नामी गिरामी विद्यालयों में पढ़ाती रही हैं। अंग्रेजी भाषा में उनके दो काव्य संग्रह हिमाचल के अंग्रेजी साहित्य की धरोहर माने जाते हैं। ये शिमला के अनेक समाजसेवी प्रकल्पों से जुड़ी रही हैं। निर्मल ठाकुर को यह सम्मान शिमला में किए जाने वाले सम्मान समारोह में दिया जाएगा।

(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया

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