शिमला, 20 दिसंबर (Udaipur Kiran) । बंदरों की समस्या के समाधान के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार नई पहल करने जा रही है। इसके तहत जंगलों में फलदार पौधे लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश सरकार राज्य में बंदरों की समस्या को कम करने के लिए बरसात के दौरान किए जाने वाले पौधरोपण में 60 फीसदी पौधे फलदार लगाएगी ताकि बंदरों को फिर से उनके प्राकृतिक वासों की ओर आकर्षित किया जा सके।
विधायक अजय सोलंकी के एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कहा कि बंदरों के घरों में घुसने की समस्या नई नहीं है। उन्होंने कहा कि यह परेशानी शहरों में पहले से ही लोग झेल रहे हैं और अब बंदरों के कारण गांवों में भी लोगों ने फसलें उगाना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक 1.87 लाख बंदरों की नसबंदी की जा चुकी है। इनमें से 1188 बंदरों की नसबंदी नाहन विधानसभा क्षेत्र में की गई है।
उन्होंने कहा कि सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में एक नसबंदी केंद्र कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि बंदरों की समस्या के दृष्टिगत उन्हें मारने की इजाजत भी केंद्र सरकार ने दी थी, लेकिन धार्मिक भावनाएं आड़े आ गई और उन्होंने बंदरों को नहीं मारा। उन्होंने कहा कि लोगों को बंदरों के आतंक से बचने के लिए कुछ हिदायतें भी जारी की गई हैं, जिनका आम लोगों को पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में बंदरों के इंसानों पर हमले की ज्यादा घटनाएं सामने आ रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बंदरों के हमले से पीड़ित लोगों को राहत राशि देने का भी प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने आवारा पशुओं की समस्या पर भी चिंता जताई और कहा कि सरकार इसे दूर करने के लिए भी प्रयासरत है। इसके लिए सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है ताकि इस खेती में पशुओं की भूमिका को बढ़ाया जा सके।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा