HimachalPradesh

हिमाचल सरकार किसी भी मंदिर का सोना-चांदी नहीं रखेगी गिरवी: उपमुख्यमंत्री

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री सदन में बोलते हुए

शिमला, 5 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार राज्य के किसी भी मंदिर का सोना-चांदी गिरवी नहीं रखेगी। सरकार के पास इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने गुरूवार को विधानसभा में यह बात कही।

उन्होंने इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर जानबूझकर सनसनी फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि वे हिमाचल को अस्थिर करना चाहते हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से पूछा कि किस मंदिर का सोना-चांदी गिरवी रखा गया है और किस मंदिर की प्रपोजल आपके पास आई। वे वीरवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक मलेंद्र राजन के मूल और विधायक सुधीर शर्मा और जयराम ठाकुर के अनुपूरक सवालों का जवाब दे रहे थे।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिरों का सोना-चांदी गिरवी रखने की बात नेता प्रतिपक्ष के मन की सोच है और ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष केवल सनसनी फैलाने के लिए यह बात कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जिम्मेदारी से बोलें। सरकार किसी भी मंदिर का सोना-चांदी गिरवी रखने वाली नहीं है।

इससे पहले मूल सवाल का जवाब देते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि डमटाल के राम गोपाल मंदिर के परिसर के जीर्णोद्धार के लिए जो 9 करोड़ रुपए की स्वीकृति ली है, उस पर फिलहाल रोक लगाई जा रही है। उन्होंने कहा कि भाषा, कला व संस्कृति विभाग के सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाकर इस मंदिर का पूरा लेखा जोखा जुटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एसडीएम की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर मंदिर का जीर्णोद्धार शुरू किया जाएगा, लेकिन यह कार्य तब होगा, जब कमेटी की रिपोर्ट आ जाएगी।

अग्निहोत्री ने कहा कि डमटाल के राम गोपाल मंदिर के पास कुल 17418 कनाल जमीन है। इसमें से डमटाल में 16 हजार कनाल, 145 कनाल जमीन शाहपुर , 548 कनाल जमीन पठानकोट में है। मंदिर के पास 15 करोड़ रुपए की एफडीआर है। उन्होंने कहा कि मंदिर की जमीन पर पांच होटल, 12 क्रशर, दो पेट्रोल पंप और कुछ अन्य व्यवसायिक परिसर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर के पास संपत्ति तो बहुत है, लेकिन मंदिर में आय कम है। मंदिर की वार्षिक आय दो करोड़ रुपए है। उन्होंने कहा कि मंदिर में हुए खर्चों की डिटेल मांगी गई है। उन्होंने मंदिर में हुए कामकाज की जांच से इनकार किया।

इससे पहले, विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि देवी-देवताओं को कानून के अनुसार नाबालिग माना जाता है और माइनर की संपत्ति पर कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं हो सकती। क्या सरकार ऐसा करने वालों पर कार्रवाई करेगी। इस पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर के पास बहुत जमीन है और जो-जो बातें सदस्य ध्यान में ला रहे हैं, उसकी सारी जानकारी एकत्र की जा रही है और फिर इसके बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।

इस बीच, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सवाल उठाया कि यदि मंदिर के प्रति श्रद्धा है तो मंदिर बनाने के लिए जो 9 करोड़ रुपए का प्रारूप बना है, उसके मुताबिक कार्य होने दिया जाए। उन्होंने कहा कि जो मंदिरों में सोना-चांदी है, क्या सरकार उसे एकत्र कर उसे बेचने या गिरवी रखने जा रही है, क्योंकि ऐसी चर्चा है। क्या सरकार उस पर कोई विचार है।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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