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शानन बिजली परियोजना को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखे हिमाचल सरकार : शान्ता कुमार

Shanta

शिमला, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि यह जानकर बहुत हैरानी हुई और दुख भी हुआ कि हिमाचल सरकार सर्वोच्च न्यायालय में शानन परियोजना के सम्बंध में अपना पक्ष रखने में विलम्ब कर रही है। सर्वौच्च न्यायालय में कल इस विषय पर पंजाब सरकार ने हिमाचल को अपना पक्ष रखने के लिए और समय देने का

विरोध किया। सर्वोच्च न्यायालय पहले ही केन्द्र और हिमाचल सरकार को तीन महीने का समय दे चुका था।

शान्ता कुमार ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि मैंने बहुत पहले इस सम्बंध में हिमाचल सरकार को कहा था कि पुंजाब पुर्नगठन अधिनियम के अनुसार शानन परियोजना पर हिमाचल प्रदेश का अधिकार है। मैंने मांग की थी कि इस विषय पर हिमाचल सरकार, केन्द्र सरकार और न्यायालय में अपना पक्ष रखें। कानूनी तौर पर शासन परियोजना के मालिक हिमाचल सरकार ने यह मामला न तो केन्द्र सरकार से उठाया और न ही सर्वोच्च न्यायालय में गई। इसके विपरित गैर कानूनी तरीके से शानन परियोजना पर अधिकार जमाये बैठी पंजाब सरकार सर्वोच्च न्यायालय में गई। सर्वोच्च न्यायालय में जब हिमाचल सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए 8 अप्रैल को तीन महीने का समय दिया तो तीन महीने बीत जाने के बाद भी हिमाचल सरकार ने अपना पक्ष नही रखा। यह हिमाचल सरकार की एक अपराधिक गलती है।

शान्ता कुमार ने कहा कि पंजाब पुर्नगठन अधिनियम में यह स्पश्ट कहा था कि नये प्रदेश पुर्नगठन के बाद सांझे पंजाब की जो सम्पत्ति जिस प्रदेश में होगी उस पर उसी प्रदेश का अधिकार होगा। लोकसभा द्धारा पास किये गये

उस अधिनियम के अनुसार 1967 के पुर्नगठन के समय ही शानन परियोजना हिमाचल को मिल जानी चाहिए थी।

शान्ता ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते समय बड़े जोर से केन्द्र सरकार के सामने यह प्रश्न उठाया था।

शान्ता कुमार ने कहा की आज यह जानकर बहुत दुख हुआ कि हिमाचल सरकार सर्वौच्च न्यायालय के सामने अपना पक्ष नही रख रही

है। मैं इस सम्बंध में मुख्यमंत्री को फोन पर भी सम्पर्क करने की कोशिश कर रहा हूं। हिमाचल सरकार से मेरा आग्रह है कि शानन परियोजना को प्राप्त करने के लिए हर सम्भव प्रयत्न किया जाए।

(Udaipur Kiran)

(Udaipur Kiran) शुक्ला

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