HimachalPradesh

केंद्र से खैरात नहीं, अपना हक मांग रहा हिमाचल : मुख्यमंत्री सुक्खू

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शिमला, 10 मार्च (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश केंद्र सरकार से कोई खैरात नहीं मांग रहा है बल्कि यह प्रदेश का संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए केंद्र से कंपनसेशन की उम्मीद थी लेकिन अब तक राज्य को एक भी पैसा नहीं मिला है। मुख्यमंत्री सोमवार को विधानसभा परिसर में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से आपदा राहत कंपनसेशन न मिलने से प्रदेश के विकास कार्यों पर प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि जब राज्य पर कोई आपदा आती है तो केंद्र सरकार का दायित्व बनता है कि वह राहत प्रदान करे, लेकिन हिमाचल को इस मामले में अब तक अनदेखा किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अपने संसाधनों के माध्यम से राहत कार्य कर रही है लेकिन केंद्र सरकार का सहयोग मिलना बेहद जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने मंदिरों से सरकारी योजनाओं के लिए अंशदान लेने के मामले पर भी विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि जनहित योजनाओं के लिए मंदिरों से अंशदान लेने के लिए पहले से ही मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनी हुई है। कोविड काल के दौरान पूर्व भाजपा सरकार ने मंदिरों से कोरोना फंड के नाम पर 28 करोड़ रुपये लिया था, लेकिन अब जब कांग्रेस सरकार जनहित के लिए यही काम कर रही है तो विपक्ष इसे गलत ठहरा रहा है। मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि अगर भाजपा मंदिरों से पैसा ले तो पुण्य और कांग्रेस सरकार ले तो पाप क्यों माना जाता है? उन्होंने स्पष्ट किया कि मंदिरों से लिया गया अंशदान पूरी तरह से जनहित के कार्यों में खर्च किया जा रहा है।

सीएम सुक्खू ने पूर्व भाजपा सरकार पर प्रदेश को आर्थिक संकट में छोड़कर जाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सरकार ने प्रदेश की कमान संभाली तब राज्य पर 75,000 करोड़ रुपये का कर्ज और 10,000 करोड़ रुपये की देनदारियां थीं। इसके अलावा जीएसटी लागू होने के बाद प्रदेश के राजस्व को भी भारी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से कंपनसेशन तो मिलता रहा लेकिन अब भविष्य में यह सहायता बंद होने से प्रदेश को राजस्व घाटे का सामना करना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कांग्रेस सरकार सत्ता में आई थी तब प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल था। शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश देशभर में 21वें स्थान पर था, लेकिन उनकी सरकार ने नीतिगत बदलाव कर इसे अब पहले स्थान पर लाने में सफलता पाई है। स्वास्थ्य सेवाओं को भी मजबूत बनाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।

सुक्खू ने विपक्ष को रचनात्मक भूमिका निभाने की नसीहत देते हुए कहा कि सरकार प्रदेश के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और विपक्ष को भी इसमें सकारात्मक सहयोग देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आर्थिक हालात सुधारने और जनकल्याण के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है ताकि हिमाचल को विकास के नए मुकाम पर पहुंचाया जा सके।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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