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– जिले की चिन्हित स्वास्थ्य संस्थाओं में प्रभावी ढंग से लगाएँ एचआरपी क्लीनिकः कलेक्टर
ग्वालियर, 15 फरवरी (Udaipur Kiran) । हर माह 9 व 25 तारीख को सरकारी अस्पतालों में हाईरिस्क वाली गर्भवती माताओं की सोनोग्राफी, खून व यूरिन की जाँच कराएँ। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत इन तिथियों में जिले की चिन्हित 24 स्वास्थ्य संस्थाओं में प्रभावी ढंग से एचआरपी क्लीनिक का आयोजन करें। साथ ही गर्भ के दौरान व प्रसव के समय गर्भवती माताओं का पूरा ध्यान रखा जाए, जिससे जिले में मातृ व शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी अंकुश लग सके। यह निर्देश कलेक्टर रुचिका चौहान ने शनिवार को जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक लेकर दिए। उन्होंने कहा जिले में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी अंकुश लगाने के उद्देश्य से विशेष अभियान चलाएँ।
कलेक्टर ने शनिवार को जिला चिकित्सालय मुरार के जच्चाखाना में स्वास्थ्य अधिकारियों की मैराथन बैठक ली। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत एचआरपी क्लीनिक के दौरान चिन्हित गर्भवती माताओं की सोनोग्राफी कराने के लिये जरूरत पड़ने पर निजी सोनोलॉजिस्ट की सेवायें भी ली जाएं। कोई भी गर्भवती माता बिना सोनोग्राफी जाँच के रहनी नहीं चाहिए। साथ ही निर्देश दिए कि हाईरिस्क गर्भवती माताओं को जननी एक्सप्रेस अथवा अन्य वाहन से घर से लेकर आएं और एचआरपी क्लीनिक पर जाँच के बाद घर तक वाहन से छोड़ने की व्यवस्था भी करें।
कलेक्टर ने महिला चिकित्सकों के सिविल अस्पताल डबरा नहीं जाने की बात सामने आने पर नाराजगी जताई। साथ ही डॉ. गरिमा यादव एवं डॉ. स्वाति अग्रवाल का वेतन काटने और निलम्बन का प्रस्ताव भेजने के निर्देश सीएमएचओ को दिए। साथ ही कहा कि जो एएनएम, आशा व सीएचओ अच्छा काम करें उनको सम्मानित भी किया जाये। बैठक में संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएँ डॉ. नीलम सक्सेना, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सचिव श्रीवास्तव व जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ. आर के शर्मा तथा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान से जुड़े अन्य चिकित्सा अधिकारी मौजूद थे।
हाईरिस्क गर्भवती माताओं के लिये अस्पताल में वार्ड रिजर्व रखें
बैठक में कलेक्टर रुचिका चौहान ने यह भी निर्देश दिए कि ग्राम स्तर पर ही यह सुनिश्चित हो की सभी गर्भवती महिलाओं की सभी आवश्यक जांच एवं उसके बाद उसका सम्पूर्ण उपचार हो जाए। उन्होंने कहा कि प्रसव के दो-तीन दिन पूर्व गर्भवती महिला को लाकर प्रसूति गृह में भर्ती करें, ताकि उसका सुरक्षित प्रसव के हो सके। साथ ही जच्चा -बच्चा दोनों स्वस्थ रहें। इसके लिए अलग से वार्ड रिजर्व रखने के उन्होंने निर्देश दिए।
गर्भवती माताओं का हर माह का डाटा मांगा
कलेक्टर ने गर्भवती महिलाओं का हर माह का सम्पूर्ण डाटा सीएमएचओ से मांगा है। उन्होंने एच.आर.पी. क्लीनिक का रोस्टर तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा गर्भवती महिलाओं की एच.आर.पी. क्लीनिक पर होने वाली जाँच की मोनीटरिंग भी करें।
(Udaipur Kiran) तोमर
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