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नैनीताल, 14 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से किच्छा नगरपालिका का आरक्षण तय होने के बाद भी चुनाव न कराए जाने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार को दो दिन जवाब देने काे कहा है। काेर्ट ने कहा है कि जब आरक्षण तय हो गया है तो चुनाव क्यों नही हुए।
सुनवाई पर याचिकाकर्ता ने कोर्ट को अवगत कराया कि किच्छा नगरपालिका में पिछले डेढ़ साल से प्रशासक की ओर से ही समस्त कार्य किये जा रहे हैं। सभी नगर पालिकाओं का चुनाव हो चुके हैं, लेकिन किच्छा नगरपालिका का चुनाव अभी तक नहीं हुए। याचिका पर मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार किंच्छा निवासी नईमूल हुसैन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सरकार ने 14 दिसंबर को प्रदेश के 43 नगरपालिका अध्यक्ष पदों के लिए प्रस्तावित आरक्षण की अधिसूचना जारी कर उसमें आम जनता से आपत्तियां मांगी थीं, लेकिन इस अधिसूचना में किंच्छा नगरपालिका अध्यक्ष के आरक्षण का उल्लेख नहीं था। जिससे यह आशंका थी कि सरकार वहां नगरपालिका चुनाव टालना चाहती है। इसके अलावा आरक्षण आवंटन नियमावली के अनुसार पालिका अध्यक्ष के जितने भी पद होंगे, उसी के अनुसार रोस्टर के आधार पर आरक्षण निर्धारित होगा। इसके बाद भी राज्य सरकार ने 43 पालिका अध्यक्ष पदों के आधार पर ही रोस्टर तय किया है। याचिकाकर्ता के अनुसार सरकार ने पूर्व में किच्छा नगरपालिका के कुछ वार्ड गांवों में मिला दिए थे। जिस पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी। उसके बाद सरकार ने इन क्षेत्रों को पुनः नगरपालिका में मिला दिया, लेकिन अब वहां नगर पालिका के चुनाव टालने की कोशिश की जा रही है। पूर्व में कोर्ट ने सरकार से कहा था कि किच्छा नगर पालिका का आरक्षण तय करें। अब आरक्षण भी तय हो चुका है, लेकिन चुनाव नही कराया गया। इसलिए नगर पालिका का चुनाव शीघ्र कराया जाय।
—————लता नेगी
(Udaipur Kiran) / लता
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