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हाई कोर्ट की सख्ती : कोर्ट से ही देंगे एसएससी अधिकारियों की गिरफ्तारी का आदेश

उच्च प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति मामले में कोर्ट के आदेश की अवहेलना पर नाराज़गी

कोलकाता, 29 अप्रैल (Udaipur Kiran) । उच्च प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़े एक मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के चेयरमैन सिद्धार्थ मजूमदार समेत अन्य अधिकारियों पर कड़ी नाराज़गी जताई है। कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि उनके आदेश का पालन नहीं हुआ तो वे कोर्ट रूम से ही अधिकारियों की गिरफ्तारी का आदेश दे सकते हैं।

मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति पार्थसारथी चटर्जी की डिवीजन बेंच ने कहा कि कोर्ट के आदेश का पालन हर हाल में होना चाहिए। अब कोई बहाना नहीं चलेगा। डिप्टी शेरिफ को बुलाइए, हम यहीं से गिरफ्तारी का निर्देश देंगे।

उल्लेखनीय है कि इस मामले में हाई कोर्ट ने एसएससी को काउंसलिंग के माध्यम से 15 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करने का निर्देश दिया था। लेकिन, एक अभ्यर्थी ने कोर्ट को बताया कि आदेश के बावजूद एसएससी ने यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान एसएससी के चेयरमैन और अन्य अधिकारी अदालत में पेश हुए। एसएससी के वकील ने कोर्ट को बताया कि आयोग ने नौ हजार से अधिक पदों के लिए नियुक्ति की सिफारिश की है, लेकिन बाकी पदों पर अनुपात के कारण सिफारिश नहीं की जा सकी। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि कुछ स्कूलों में आवश्यकता के अनुसार योग्य उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं, जिससे शेष पदों की नियुक्ति में बाधा आ रही है।

हालांकि, कोर्ट ने यह तर्क अस्वीकार करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार का बहाना स्वीकार नहीं किया जाएगा। आपने काउंसलिंग कैसे की, यह हमें जानने की आवश्यकता नहीं है। सिर्फ यह बताइए कि आदेश का पालन क्यों नहीं हुआ।

कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 मई की तारीख तय की है। बेंच ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई में यह परखा जाएगा कि आदेश का पालन हुआ या नहीं।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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हाई कोर्ट की सख्ती : कोर्ट से ही देंगे एसएससी अधिकारियों की गिरफ्तारी का आदेश

उच्च प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति मामले में कोर्ट के आदेश की अवहेलना पर नाराज़गी

कोलकाता, 29 अप्रैल (Udaipur Kiran) । उच्च प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़े एक मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के चेयरमैन सिद्धार्थ मजूमदार समेत अन्य अधिकारियों पर कड़ी नाराज़गी जताई है। कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि उनके आदेश का पालन नहीं हुआ तो वे कोर्ट रूम से ही अधिकारियों की गिरफ्तारी का आदेश दे सकते हैं।

मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति पार्थसारथी चटर्जी की डिवीजन बेंच ने कहा कि कोर्ट के आदेश का पालन हर हाल में होना चाहिए। अब कोई बहाना नहीं चलेगा। डिप्टी शेरिफ को बुलाइए, हम यहीं से गिरफ्तारी का निर्देश देंगे।

उल्लेखनीय है कि इस मामले में हाई कोर्ट ने एसएससी को काउंसलिंग के माध्यम से 15 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करने का निर्देश दिया था। लेकिन, एक अभ्यर्थी ने कोर्ट को बताया कि आदेश के बावजूद एसएससी ने यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान एसएससी के चेयरमैन और अन्य अधिकारी अदालत में पेश हुए। एसएससी के वकील ने कोर्ट को बताया कि आयोग ने नौ हजार से अधिक पदों के लिए नियुक्ति की सिफारिश की है, लेकिन बाकी पदों पर अनुपात के कारण सिफारिश नहीं की जा सकी। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि कुछ स्कूलों में आवश्यकता के अनुसार योग्य उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं, जिससे शेष पदों की नियुक्ति में बाधा आ रही है।

हालांकि, कोर्ट ने यह तर्क अस्वीकार करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार का बहाना स्वीकार नहीं किया जाएगा। आपने काउंसलिंग कैसे की, यह हमें जानने की आवश्यकता नहीं है। सिर्फ यह बताइए कि आदेश का पालन क्यों नहीं हुआ।

कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 मई की तारीख तय की है। बेंच ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई में यह परखा जाएगा कि आदेश का पालन हुआ या नहीं।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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