HEADLINES

आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के खिलाफ कार्ति चिदंबरम की याचिका पर हाई कोर्ट का फैसला सुरक्षित

दिल्ली हाई कोर्ट

नई दिल्ली, 09 अप्रैल (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम की एयरसेल-मैक्सिस डील और चीनी वीजा दिलाने के मामलों से जुड़े मनी लांड्रिंग मामलों में ट्रायल कोर्ट के चार्जशीट पर संज्ञान लेने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस रविंद्र डुडेजा की बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।

राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 23 मार्च 2022 को एयरसेल-मैक्सिल डील जुड़े सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम को नियमित जमानत दी थी। 27 नवंबर, 2021 को कोर्ट ने सीबीआई और ईडी की ओर से आरोपितों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। ईडी की ओर से दाखिल केस में पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम के अलावा मेसर्स पद्मा भास्कर रमन, मेसर्स एडवांटेजेज स्ट्रेटैजिक कंसल्टिंग प्राईवेट लिमिटेड और मेसर्स चेस मैनेजमेंट सर्विसेज प्राईवेट लिमिटेड को भी आरोपित बनाया गया है।

चीनी नागरिकों को वीजा दिलवाने में रिश्वत लेने के मामले में कार्ति चिदंबरम की ओर से पेश वकील ने कहा था कि इस मामले में अभियोजन चलाने के लिए जरूरी अनुमति नहीं ली गई है। ऐसे में कोई भी कानूनी कार्यवाही का कोई मतलब नहीं रह जाता है। इस मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 6 जून, 2024 को कार्ति चिदंबरम को जमानत दी थी। कोर्ट ने 19 मार्च, 2024 को ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। इस मामले में ईडी ने कार्ति चिदंबरम, उनके पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट एस भास्कर रमन, पदम दुगार, दुगार हाउसिंग लिमिटेड, विकास मखरिया, तलवंडी साबो पावर लिमिटेड और मंसूर सिद्दीकी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।

(Udaipur Kiran) /संजय————-

(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम

Most Popular

To Top