नई दिल्ली, 23 जनवरी (Udaipur Kiran) । मकोका मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी से उत्तम नगर विधायक नरेश बाल्यान ने दिल्ली हाई कोर्ट में अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा है कि उनके खिलाफ मकोका का मामला बनता ही नहीं है। जस्टिस विकास महाजन ने नरेश बाल्यान की जमानत याचिका पर 28 जनवरी को सुनवाई करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान नरेश बाल्यान की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने कहा कि जिस दिन उगाही से जुड़े एक मामले में उनको ज़मानत मिली, उसी दिन मकोका मामले में उनको गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, उगाही मामले में कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा था कि बाल्यान के खिलाफ कोई पैसे का लेन-देन नहीं मिला। पाहवा ने कहा कि दो इकबालिया बयान में बाल्यान को सिंडिकेट का हिस्सा बताया गया था। इकबालिया बयान में बाल्यान का नाम लिया गया था और वह भी कोरे कागज पर, जबकि इकबालिया बयान स्वतंत्र माहौल में दर्ज किया जाना चाहिए।
पाहवा ने कहा कि इकबालिया बयान मजिस्ट्रेट के पास भेजा जाता है, जहां आरोपित मजिस्ट्रेट के सामने हस्ताक्षर करता है, लेकिन यहां इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। ट्रायल कोर्ट ने इस बयान को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मुकदमे में इकबालिया बयान की जांच की जाएगी। पाहवा ने कहा कि वह दो बार के विधायक हैं और चुनाव से पहले नवंबर, 2024 में उनकी गिरफ्तारी हुई, जिसकी वजह से उनका टिकट काटकर उनकी पत्नी को दिया गया। अब पत्नी के चुनाव प्रचार के लिए उन्हें अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए। पाहवा ने कहा कि बाल्यान ने 2021, 2022, 2023 में उगाही की शिकायत की थी और दिल्ली पुलिस ने उस शिकायत के आधार पर सुरक्षा भी दी थी, लेकिन बाद में उसी मामले में बाल्यान को गिरफ्तार कर लिया।
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