
जयपुर, 13 मई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने 13 मई, 2018 को शहर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद जिंदा मिले बम के मामले में विशेष न्यायालय से रिकॉर्ड तलब किया है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस अवनीश झिंगन और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश अभियुक्त शाहबाज हुसैन की आपराधिक याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए। वहीं दूसरी ओर मामले के एक अन्य अभियुक्त सरवर आजमी ने भी निचली अदालत के सजा के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी है।
याचिका में अधिवक्ता फाहरुख अहमद ने याचिका में बताया कि बम धमाकों के मूल मामले में विशेष न्यायालय ने याचिकाकर्ता को बरी कर दिया था। वहीं शेष अन्य को मिली फांसी की सजा को हाईकोर्ट ने रद्द कर उन्हें भी दोषमुक्त किया था। इसके बावजूद भी समान मामले में विशेष न्यायालय ने गत 8 अप्रैल को याचिकाकर्ता सहित तीन अन्य को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुना दी। याचिका में इस आदेश को चुनौती देते हुए कहा गया कि जिंदा बम का मामला मूल मामले से अलग नहीं है। घटना में किसी तरह की जनहानि भी नहीं हुई है। उस पर आरोप था कि उसने धमाकों के बाद टीवी चैनल को ईमेल भेजकर जिम्मेदारी ली थी। समान आरोप से विशेष न्यायालय ने उसे बरी कर दिया था। ऐसे में अब उसे जिंदा बम के मामले में सजा नहीं दी जा सकती। इसलिए विशेष न्यायालय के आदेश को रद्द कर उसे दोषमुक्त किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए निचली अदालत से रिकॉर्ड तलब किया है। गौरतलब है कि 13 मई, 2008 को शहर में विभिन्न स्थानों पर कुल 8 बम ब्लास्ट हुए थे। वहीं चांदपोल हनुमान मंदिर के पास एक बम जिंदा मिला था। मामले में विशेष न्यायालय ने 18 दिसंबर, 2019 को शाहबाज हुसैन को बरी करते हुए शेष चार अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई थी। वहीं हाईकोर्ट ने मार्च 2023 को चारों आरोपियों की सजा को रद्द कर दिया था। इसके बाद गत 8 अप्रैल को विशेष न्यायालय ने जिंदा बम को लेकर शाहबाज हुसैन, सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ और सैफुर्रहमान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
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(Udaipur Kiran)
