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नैनीताल, 13 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । हाई कोर्ट ने गाड़ियों की ओवर स्पीड से हो रही दुर्घटनाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले में कोर्ट ने आईजी ट्रैफिक गढ़वाल को 20 फरवरी को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि जब वाहन ओवर स्पीड में चल रहा है तो रोड में क्या ऐसे सेंसर लगाए जा सकते हैं जिसकी सूचना वाहन चालक के परिजनों व सम्बंधित थाने को मिल सके और थाना उसका चालान कर सके। कोर्ट ने इस पर सुझाव 20 फरवरी को कोर्ट में देने को कहा है।
मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खण्डपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार हाई कोर्ट के अधिवक्ता ललित मिगलानी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि आये दिन 18 से 25 साल के नौजवान ओवर स्पीड में वाहन चलाने से मौत का कारण बन रहे हैं। आजकल वाहनों में कई तरह के फीचर आ गए हैं जिसकी जानकारी उन्हें नहीं होती है। वर्तमान में नौजवान स्पोर्ट मोड पर वाहन चला रहे हैं जिसकी वजह वे हादसे का शिकार हो रहे हैं। स्पोर्ट मोड में वाहन चलाने के हिसाब से प्रदेश की सड़के नहीं हैं, क्योंकि यह पहाड़ी राज्य है। सड़कें संकरी व घुमाऊदार हैं। ऊपर से नौजवान ऐल्कॉहॉलिक स्थिति में वाहन चला रहे हैं इसलिए 1000 से 2000 सीसी की गाड़ी चलाने के लिए उनकी उम्र 25 साल निर्धारित की जाए। जैसे कि 16 से 18 वर्ष के युवकों के लिए 50 सीसी तक वाहन चलाने का प्रावधान निर्धारित किया गया है, ठीक उसी प्रकार बड़े वाहन चलाने के लिए उम्र 25 वर्ष निर्धारित की जाए। वर्तमान में जो भी हादसे हो रहे हैं वह 18 से 25 साल के युवकों के ओवर स्पीड वाहन चलाने के कारण हो रहे हैं इसलिए राज्य सरकार बड़े वाहन चलाने के लिए उम्र का निर्धारण करे।
(Udaipur Kiran) / लता
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