
नैनीताल, 2 अप्रैल (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट ने ऋषिकेश में हो रहे अवैध निर्माण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद गढ़वाल कमिश्नर को 5 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) अवैध निर्माण कार्यों को किस आधार पर कंपाउंड कर रहा है, जबकि ऐसे निर्माणों को नियमित नहीं किया जा सकता।मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार ऋषिकेश निवासी पंकज अग्रवाल व अन्य ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि देहरादून के ऋषिकेश में स्वीकृत मानचित्र के विपरीत जाकर कुछ लोगों द्वारा अवैध निर्माण किए जा रहे हैं। जिस पर कार्यवाही करते हुए मंसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने उसे सील कर दिया, लेकिन कुछ समय बाद विकास प्राधिकरण के एई ने सीलिंग से प्रतिबंध हटाकर अवैध निर्माण को कंपाउंड करते हुए मानचित्र स्वीकृत कर दिया। याचिकाकर्ता का कहना था कि अवैध निर्माणों पर रोक लगाई जाए ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके। याचिका में कहा कि अवैध निर्माण का कार्य ऋषिकेश में ही नहीं देहरादून मंसूरी में भी चल रहा है, लेकिन कमिश्नर गढ़वाल के रोक के बाद भी निचले स्तर के अधिकारी कमिश्नर के आदेश का अनदेखी करके अवैध निर्माण कार्यों को बढ़वा देकर उनके प्रार्थना पत्र के आधार पर अवैध निर्माण कार्यों को कंपाउंड कर रहे है। इसलिए इन अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए।
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(Udaipur Kiran) / लता
