
प्रयागराज, 20 जनवरी (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस को एक शिक्षक के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया है। शिक्षक पर नस्लीय घृणा के कारण अनुसूचित जाति के 6 वर्षीय छात्र को पीटने का आरोप है।
न्यायमूर्ति दिनेश पाठक ने राज्य सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है तथा मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 फरवरी की तिथि निर्धारित की है। याची अदा परवीन, हमीरपुर जिले के एक स्कूल में अध्यापिका है। उस पर एक छात्र को पीटने का आरोप लगाया गया है। जिसके कारण कथित तौर पर छात्र बीमार पड़ गया। पीड़िता की मां द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद याची शिक्षक पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323 के तहत चोट पहुंचाने और अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(2)(वीए) और 3(1)(आर) के तहत मामला दर्ज किया गया।
एफआईआर को चुनौती देते हुए आरोपित टीचर ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और तर्क दिया कि धारा 3(2)(वीए) और 3(1)(आर) एससी/एसटी अधिनियम के तहत अपराध की घटना को साबित करने के लिए रिकॉर्ड पर कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है। क्योंकि किसी भी स्वतंत्र गवाह ने मामले का समर्थन नहीं किया, जैसा कि एफआईआर में कहा गया है। उनका कहना था कि उन्होंने छात्र को होमवर्क पूरा न करने के लिए सिर्फ़ डांटा था। यह भी तर्क दिया कि मेडिकल अधिकारी ने पीड़ित के शरीर पर किसी भी तरह की चोट से इनकार किया है।
इस प्रकार कहा गया कि अभियोजन पक्ष की पूरी कहानी अटकलों पर आधारित है। पीड़ित की जाति एससी-एसटी समुदाय का सदस्य होने के कारण मारपीट करने, जाति-सम्बंधी अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने या उसे नुकसान पहुंचाने के सम्बंध में कोई विशेष आरोप नहीं लगाया गया है। कोर्ट ने मामले पर विचार कर याची के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
—————
(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
