
जयपुर, 15 मई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य बाल आयोग के अध्यक्ष पद का अतिरिक्त कार्यभार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के एसीएस कुलदीप रांका को देने वाले गत 5 फरवरी के आदेश पर तत्काल रोक लगा दी है। हालांकि अदालत ने राज्य सरकार को छूट दी है कि वह चाहे तो बाल संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत किसी अन्य व्यक्ति को इस पद पर नियुक्त कर सकती है। जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश आयोग सदस्य संगीता बेनीवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
अदालत ने कहा कि अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग के मंत्री, प्रमुख सचिव और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रमुख सचिव की कमेटी की सिफारिश पर आयोग अध्यक्ष का पद भरा जाता है। जबकि प्रावधानों की अनदेखी कर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के एसीएस को अध्यक्ष पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया गया। याचिका में अधिवक्ता सत्यपाल चांदोलिया ने बताया कि संगीता बेनीवाल के इस्तीफा देने के चलते आयोग अध्यक्ष का पद रिक्त हो गया था। राज्य सरकार ने गत 5 फरवरी को आदेश जारी कर इस पद का अतिरिक्त कार्यभार भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी कुलदीप रांका को सौंप दिया। याचिका में कहा गया कि आयोग अध्यक्ष का कार्यभार किसी आईएएस अधिकारी को देने का कोई प्रावधान ही नहीं है। विभाग की साल 2010 की अधिसूचना के तहत यदि अध्यक्ष का पद खाली होता है तो उसका कार्यभार आयोग के वरिष्ठ सदस्य को दिया जाता है। याचिकाकर्ता की ओर से इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को जानकारी दी गई, लेकिन उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं आईएएस कुलदीप रांका को बिना किसी प्रावधान अध्यक्ष पद का कार्यभार सौंपा गया है। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता आयोग की वरिष्ठ सदस्य है। ऐसे में उसे आयोग अध्यक्ष के पद का कार्यभार सौंपा जाए।
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(Udaipur Kiran)
