
जयपुर, 24 मार्च (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने छात्रावास अधीक्षक ग्रेड द्वितीय भर्ती-2022 सामान्य वर्ग की सीटों पर आरक्षित वर्ग के एक दर्जन अभ्यर्थियों को शामिल करने के मामले में स्टाफ सलेक्शन बोर्ड और प्रमुख सामाजिक एवं अधिकारिता सचिव से जवाब तलब किया है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में याचिकाकर्ताओं के हित सुरक्षित रखते हुए भर्ती को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है। जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश राजेश कुमार कुलहरि व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता हरेन्द्र नील ने अदालत को बताया कि स्टाफ सलेक्शन बोर्ड ने छात्रावास अधीक्षक ग्रेड-2 के 335 पदों पर साल 2024 में भर्ती निकाली। इसके लिए समान पात्रता परीक्षा, 2022 की मेरिट लिस्ट से पदों के मुकाबले 15 गुणा अभ्यर्थी बुलाए गए। याचिका में कहा गया कि भर्ती विज्ञापन में शर्त थी कि आरक्षण का लाभ लेने वाले अभ्यर्थी को विज्ञापित पद की उसी श्रेणी में माना जाएगा। याचिका में कहा गया कि भर्ती में सामान्य वर्ग की कट ऑफ 86.86 आई और ओबीसी वर्ग के याचिकाकर्ता के भी इस कट ऑफ के बराबर अंक आए। भर्ती में आरक्षित वर्ग के 12 उन अभ्यर्थियों का सामान्य पदों के विरुद्ध चयन कर लिया, जिन्होंने समान पात्रता परीक्षा में आरक्षण का लाभ लिया था। ऐसे में उन्हें ओबीसी वर्ग की सूची में ही शामिल किया जाना चाहिए था। याचिकाकर्ता ने समान पात्रता परीक्षा में आरक्षण का लाभ नहीं लिया था। इसलिए उसका सामान्य वर्ग के पद के विरुद्ध चयन होना चाहिए था। यदि इन 12 अभ्यर्थियों को सामान्य पदों पर नियुक्ति नहीं मिलेगी तो याचिकाकर्ता नियुक्ति के लिए पात्र हो जाएंगे। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए याचिकाकर्ताओं के हित सुरक्षित रखने के आदेश दिए हैं।
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(Udaipur Kiran)
