
नैनीताल, 19 मई (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट ने कॉर्बेट नेशनल पार्क से सटे रामनगर क्षेत्र के तराई पश्चिम वन प्रभाग, गुलजारपुर और लोअर कोसी नदी किनारे अवैध रूप से बहुमूल्य साल, सागौन और शीशम के पेड़ों की कटाई के मामले में राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए जनहित याचिका पर संज्ञान लिया, जिसमें वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और लकड़ी के ठेकेदारों की मिलीभगत से की गई अवैध कटाई का आरोप लगाया गया है।
रामनगर निवासी विमल सिंह ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उनका ग्राम कॉबेट नेशनल पार्क से जुड़ा हुआ है और खेत नेशनल पार्क से जुड़े हुए हैं। याचिका में कहा कि कुछ समय से खेतों के समीप स्थित बेशकीमती साल, सागौन और शीशम के पेड़ काटे जा रहे हैं और उनका अवैध रूप से पातन किया जा रहा है। जिसकी अनुमति न तो वन प्रभाग से ली गई है और न ही सरकार से ली गई है। याचिका में कहा कि ये पेड़ किस आधार पर काटे जा रहे है। इनका कोई उत्तर विभाग नही दे रहा है। ये पेड़ रोड निर्माण व नहर का कार्य करने के दौरान ही काटे जाते है। उसके लिए भी पहले डीपीआर बनाई जाती है। हाली ही में वन प्रभाग ने 200 से 300 पेड़ उनके खेतों से जुड़े सीमा से काट दिये गए। जंगल के अंदर कितने पेड काटे गए इसका कोई रिकॉर्ड नही है। इससे साबित होता है कि इसमें विभाग के अधिकारी सहित लकड़ी के ठेकेदार शामिल है। अगर वे जंगल मे लकड़ी लेने जाते है तो उनका चालान विभाग कर देता है। इस सम्बंध में उन्होंने वन प्रभाग व कुमाऊं आयुक्त को 22 अप्रैल 2025 को प्रत्यावेदन दिया, जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। याचिकाकर्ता की ओर से अवैध कटान पर रोक लगाई जाने की प्रार्थना की गई थी। ग्रामीणों को अवैध कटान से होने वाली क्षति से बचाया जाय।
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(Udaipur Kiran) / लता
