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हाईकोर्ट ने पंगूट के ग्रामीणों के रास्ते की बंदी पर मांगा जवाब

नैनीताल हाईकोर्ट।

-डीएफओ को रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश

नैनीताल, 5 अप्रैल (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट ने नैनीताल जिले के प्रसिद्ध बर्ड सेंचुरी क्षेत्र पंगूट के बुढपंगूट गांव का ब्रिटिश कालीन आम रास्ता बंद किए जाने के मामले में सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है। साथ ही, संबंधित प्रभागीय वन अधिकारी (DFO) को रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में हुई सुनवाई के दौरान डीएफओ स्वयं अदालत में उपस्थित हुए और बताया कि गांववासियों का रास्ता खोल दिया गया है। कोर्ट ने इस पर लिखित रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। गौरतलब है कि इससे पहले अदालत ने डीएफओ को ग्रामीणों का रास्ता तत्काल खोलने के निर्देश दिए थे।

मामले के अनुसार बुढ पंगूट निवासी भावना और प्रेमलता बुधलाकोटी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि वन विभाग ने बर्ड सेंचुरी के नाम पर उनका ब्रिटिश कालीन आम रास्ता बंद कर दिया गया है, जबकि यह रास्ता एक बटिया है और बाद में बर्ड सेंचुरी घोषित हुई है। याचिका में कहा गया है कि वन विभाग ने एक बिल्डर को लाभ पहुंचाने के लिए यह निर्णय लिया है। बिल्डर ने वन विभाग की भूमि पर अवैध रोड का निर्माण तक करा लिया है। पूर्व में भी विभाग ने इसी तरह का निर्णय लेकर एक अन्य गांव का रास्ता बंद कर दिया था।

याचिका में कहा गया है कि उनके वहां कई तरह के मरीज है, लेकिन रास्ता बंद होने के कारण वे लोग उपचार करने के लिए गांव से बाहर नहीं जा पा रहे हैं। इसलिए इस प्रतिबंध को हटाया जाए। इसके जवाब में संबं​धित डीएफओ ने कोर्ट में पेश होकर विभाग का पक्ष रखते हुए कहा है कि रास्ता एनजीटी के आदेश पर बंद किया गया है। इसका विरोध करते हुए ग्राम वासियों की तरफ से कहा गया है कि वे प्रकृति प्रेमी है। इसलिए वे अपने मवेशियों को चराने के लिए जंगल में नहीं छोड़ते है। क्योंकि यह एक आरक्षित वन क्षेत्र घोषित है। उसकी रक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है। जब आग लगती है ग्राम वासी ही फर्स्ट फायर मैन की तरह कार्य करते हैं। अधिकारी तो आग लगने के बाद उसकी जानकारी लेने आते है। अब उनका ही रास्ता बंद कर दिया है । ग्राम वासी कहा जाएं।

……………

(Udaipur Kiran) / लता

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हाईकोर्ट ने पंगूट के ग्रामीणों के रास्ते की बंदी पर मांगा जवाब

नैनीताल हाईकोर्ट।

-डीएफओ को रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश

नैनीताल, 5 अप्रैल (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट ने नैनीताल जिले के प्रसिद्ध बर्ड सेंचुरी क्षेत्र पंगूट के बुढपंगूट गांव का ब्रिटिश कालीन आम रास्ता बंद किए जाने के मामले में सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है। साथ ही, संबंधित प्रभागीय वन अधिकारी (DFO) को रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में हुई सुनवाई के दौरान डीएफओ स्वयं अदालत में उपस्थित हुए और बताया कि गांववासियों का रास्ता खोल दिया गया है। कोर्ट ने इस पर लिखित रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। गौरतलब है कि इससे पहले अदालत ने डीएफओ को ग्रामीणों का रास्ता तत्काल खोलने के निर्देश दिए थे।

मामले के अनुसार बुढ पंगूट निवासी भावना और प्रेमलता बुधलाकोटी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि वन विभाग ने बर्ड सेंचुरी के नाम पर उनका ब्रिटिश कालीन आम रास्ता बंद कर दिया गया है, जबकि यह रास्ता एक बटिया है और बाद में बर्ड सेंचुरी घोषित हुई है। याचिका में कहा गया है कि वन विभाग ने एक बिल्डर को लाभ पहुंचाने के लिए यह निर्णय लिया है। बिल्डर ने वन विभाग की भूमि पर अवैध रोड का निर्माण तक करा लिया है। पूर्व में भी विभाग ने इसी तरह का निर्णय लेकर एक अन्य गांव का रास्ता बंद कर दिया था।

याचिका में कहा गया है कि उनके वहां कई तरह के मरीज है, लेकिन रास्ता बंद होने के कारण वे लोग उपचार करने के लिए गांव से बाहर नहीं जा पा रहे हैं। इसलिए इस प्रतिबंध को हटाया जाए। इसके जवाब में संबं​धित डीएफओ ने कोर्ट में पेश होकर विभाग का पक्ष रखते हुए कहा है कि रास्ता एनजीटी के आदेश पर बंद किया गया है। इसका विरोध करते हुए ग्राम वासियों की तरफ से कहा गया है कि वे प्रकृति प्रेमी है। इसलिए वे अपने मवेशियों को चराने के लिए जंगल में नहीं छोड़ते है। क्योंकि यह एक आरक्षित वन क्षेत्र घोषित है। उसकी रक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है। जब आग लगती है ग्राम वासी ही फर्स्ट फायर मैन की तरह कार्य करते हैं। अधिकारी तो आग लगने के बाद उसकी जानकारी लेने आते है। अब उनका ही रास्ता बंद कर दिया है । ग्राम वासी कहा जाएं।

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(Udaipur Kiran) / लता

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