
प्रयागराज, 07 मार्च (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज, राज्य सरकार व अन्य विपक्षियों से चिकित्सीय लापरवाही के आरोप में दाखिल याचिका पर छह हफ्ते में जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा तथा न्यायमूर्ति डी. रमेश की खंडपीठ ने महाप्रसाद की याचिका पर दिया। बांदा स्थित रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में याची की पत्नी की उपचार के दौरान मौत हो गई। याची ने आरोप लगाया कि पत्नी का इलाज ऐसे डॉक्टरों ने किया जिनके पास जरूरी योग्यता नहीं थी। गम्भीर लापरवाही व मेडिकल कॉलेज में फैली अव्यवस्था के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।
कहा गया कि राज्य सरकार ने बिना विशेषज्ञ डॉक्टर के नेफ्रोलॉजी विभाग खोल दिया। यह प्रशासनिक लापवाही है। विशेषज्ञ डॉक्टर के बिना चिकित्सा केंद्र खोलना गैर जिम्मेदाराना है और मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करना है। राज्य प्राधिकारी मौत के लिए जिम्मेदार हैं। ऐसे में याची को मुआवजा मिलना चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
