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शारीरिक शिक्षकों को मनमाने तरीके से नहीं हटा सकते, कार्रवाई से पहले सुनवाई का मौका दें-हाईकोर्ट

हाईकोर्ट जयपुर

जयपुर, 7 फरवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने पीटीआई भर्ती-2022 के आवेदन पत्र में मिसमैच से जुडे मामले में अभ्यर्थियों को राहत दी है। अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि वह पीटीआई पद पर काम कर रहे शिक्षकों को मनमाने तरीके से नहीं हटा सकती। इसके साथ ही अदालत ने उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पूर्व दस्तावेजों की जांच करने और अभ्यर्थियों को सुनवाई का मौका देने को कहा है। जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश हंसराज गुर्जर व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए।

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आरपी सैनी ने बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने 16 जून 2022 को पीटीआई के 5546 पदों पर भर्ती निकाली थी। इसमें चयन का आधार लिखित परीक्षा थी। याचिकाकर्ताओं ने भर्ती में भाग लेकर मेरिट में स्थान प्राप्त किया और उन्हें 15 दिसंबर 2023 को नियुक्ति दी गई। वहीं विभाग ने गत 24 दिसंबर को उन्हें आवेदन पत्र में गलत जानकारी व मिसमैच होने के आधार पर नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों ना उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया जाए। जबकि उन्होंने मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बीपीएड किया था। वहीं राज्य सरकार व चयन बोर्ड ने दो से तीन बार जांच के बाद ही उन्हें नियुक्ति दी है। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियें पर सीसीए नियमों के तहत की कार्रवाई की जा सकती है। इसलिए उन्हें सेवा में बनाए रखा जाए। वहीं विभाग की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ताओं के आवेदन पत्र और मूल दस्तावेजों में अंतर मिला है। ऐसे में उन्हें सेवा से हटाने का नोटिस दिया गया है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने माना कि कोई भी कार्रवाई करने से पहले दस्तावेजों की जांच व याचिकाकर्ताओं को व्यक्तिगत सुनवाई का मौका दिया जाना चाहिए।

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(Udaipur Kiran)

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