केन्द्र सरकार ने कोर्ट में पेश की 2 मई की बैठक की कार्यवाही रिपाेर्ट
चंडीगढ़, 9 मई (Udaipur Kiran) । हरियाणा व पंजाब के बीच चल रहे भाखड़ा जल विवाद पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने कोर्ट की अवमानना को आधार बनाते हुए पंजाब के मुख्य सचिव तथा पंजाब पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दिया है। शुक्रवार को भारत-पाक तनाव के बीच हाई कोर्ट में नो वर्क डे था। जिसके चलते सुबह 11 बजे की बजाए इस केस की सुनवाई शाम चार हुई।
शुक्रवार काे शाम चार बजे चीफ जस्टिस शील नागू व जस्टिस सुमित गोयल की खंडपीठ ने इस केस की सुनवाई की। इससे पहले हाई कोर्ट ने 6 मई को दिए आदेश में कहा था कि पंजाब सरकार भाखड़ा नंगल डैम और लोहड़ कंट्रोल रूम वाटर रेगुलेशन कार्यालयों में तैनात पुलिस कर्मियों को दैनिक कामकाज से दूर रखें। इसके साथ ही केन्द्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में 2 मई को हुई बैठक में दिए गए आदेशों का पालन करे। इसके बाद 8 मई को जब बीबीएमबी के चेयरमैन भाखड़ा डैम पर पहुंचे तो उन्हें वहां कथित तौर पर बंधक बना लिया गया। इसके बाद बीबीएमबी ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर दी।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सभी पक्षों की ओर से करीब एक घंटे तक दलील दी गई। हाई कोर्ट में पंजाब ने तर्क दिया कि 2 मई को हुई बैठक के प्रेस नोट में पंजाब को हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने की सलाह दी गई थी, जबकि आज कोर्ट में पेश किए गए बैठक के मिनट्स में पानी देने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद पंजाब सरकार की मुसीबत बढ़ गई है क्योंकि पंजाब पहले ही यह बात बोल चुका है कि अगर 2 मई की बैठक के मिनट्स में पानी देने के लिए कहा गया होगा तो पानी दिया जाएगा।
कोर्ट में बहस के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि देश में जंग जैसे हालात हैं। सैनिक सीमा पर लड़ रहे हैं और यहां पानी के लिए बिना किसी ठोस कारण के विवाद पैदा किया जा रहा है।
इस दौरान बहस में पंजाब ने हाई कोर्ट का आदेश मानने से किया इनकार कर दिया। पंजाब सरकार की ओर से कहा गया, हाई कोर्ट को पानी देने के आदेश की कोई पावर नहीं है। काेर्ट ने कहा कि अभी तक पंजाब ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी है और न ही हाई कोर्ट के फैसले को लागू किया है। यह काेर्ट के आदेशों की अवमानना है। पंजाब सरकार के तर्कों को सुनकर चीफ जस्टिस शीलू नागू ने यह कहते हुए कोर्ट छोड़ दिया कि अब आप हमारे आदेश का इंतजार कीजिए।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
