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हाईकोर्ट ने सुपरिटेंडेंट-इन-चीफ से स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल की योजना पर मांगा हलफनामा

इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज, 20 सितम्बर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में ड्यूटी कक्षों की संख्या को नाकाफी माना है और वहां के सुपरिटेंडेंट-इन-चीफ से इस सम्बंध में उनकी योजना पर हलफनामा मांगा है।

कोर्ट ने कहा कि एसआरएन अस्पताल के सुपरिटेंडेंट-इन-चीफ के शपथ पत्र के साथ जुड़ा चार्ट दर्शाता है कि कार्डियोलॉजी, ऑर्थोपेडिक, सर्जरी (इमरजेंसी), फेफड़ों की बीमारी और ईएनटी विभाग में महिला डॉक्टरों के लिए अलग ड्यूटी कक्ष नहीं हैं। इसके अलावा कुछ विभागों में कई वार्ड हैं। लेकिन केवल एक ड्यूटी कक्ष है, जो आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है। इसलिए स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के सुपरिटेंडेंट-इन-चीफ परिसर में महिला डॉक्टरों के लिए अलग ड्यूटी कमरों के निर्माण की योजना के सम्बंध में अतिरिक्त शपथ पत्र दाखिल करें।

यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता एवं न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने सुओ मोटो जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट आदेश के अनुपालन में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के सुपरिटेंडेंट-इन-चीफ ने शपथ पत्र दाखिल किए। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के शपथ पत्र में आवारा कुत्तों की समस्या के सम्बंध में बताया गया कि स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में सुरक्षा गार्डों की संख्या बढ़ाकर 40 कर दी गई है। ये सुरक्षा गार्ड उत्तर प्रदेश भूतपूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड द्वारा प्रदान किए जाएंगे, जिसके साथ मेडिकल कॉलेज ने अनुबंध किया है। इन 40 गार्डों में एक सुपरवाइजर, नौ आर्म्ड गार्ड और 30 अन्य सुरक्षा गार्ड होंगे। यह बताया गया कि विभिन्न सरकारी मेडिकल कॉलेजों, स्वायत्त राज्य मेडिकल कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए दिशा निर्देश तैयार किए गए हैं।

प्रयागराज के नगर आयुक्त से आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए अभियान चलाने का अनुरोध किया गया है। टूटे दरवाजे और इंट्रेंस प्वाइंट्स की मरम्मत की जा रही है ताकि इस समस्या से निपटा जा सके। स्वरूपरानी अस्पताल के सुपरिटेंडेंट इन चीफ के शपथ पत्र में डॉक्टरों के लिए ड्यूटी कमरों और अन्य सुविधाओं की उपलब्धता के सम्बंध में बताया गया कि अस्पताल के विभिन्न विभागों में पुरुष और महिला डॉक्टरों के लिए कुल 30 आराम कक्ष हैं। यह स्वीकार किया गया है कि फेफड़ों की बीमारी और ईएनटी विभाग में महिला डॉक्टरों के लिए कोई ड्यूटी कमरा नहीं है। सर्जरी विभाग में आराम कक्ष की मरम्मत हो गई है और अब यह काम कर रहा है। प्रत्येक आराम कक्ष में संलग्न शौचालय है। मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।

(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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