नैनीताल, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी व अभिलेखों के साथ छेड़छाड़ किए जाने के आरोप में दायर डिफाल्ट बेल को खारिज करते हुए नियमित जमानत दाखिल करने की छूट दी है। कोर्ट ने इस जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद चार सितंबर को निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार कमल विरमानी ने हाईकोर्ट में जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। बता दें कि 16 सितंबर 2023 को
संदीप श्रीवास्तव ने अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कहा था कि उप निबंधक सदर देहरादून में 1989 में विलेख संख्या 10491 जिल्द 3546 का निरीक्षण किया गया था तो संज्ञान में आया कि जो बैनामा पंजीकृत कराया गया है वह संदिग्ध है। जांच के बाद याचिकाकर्ता का नाम प्रकाश में आया। याचिकाकर्ता के खिलाफ दो मामले पहले से ही देहरादून में पंजीकृत हैं। याचिकाकर्ता 27 अगस्त 2023 से जेल में है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि एक मामले में उसे इसी हाईकोर्ट से 15 मई 2024 को जमानत मिल गई है। एक अन्य मामला कोर्ट में चल रहा है जिसमें डिफाल्ट जमानत दिए जाने की प्रार्थना की गई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि पुलिस को 90 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल करनी चाहिए थी लेकिन अभी तक दाखिल नहीं की गई इसलिए उसे डिफाल्ट बेल दी जाए।
न्यायाधीश जस्टिस थपलियाल ने मामले को डिफॉल्ट बेल के अनुरूप न मानते हुए मांग को अस्वीकार करने के साथ ही नियमित जमानत याचिका दाखिल करने की छूट प्रदान की।
(Udaipur Kiran) /लता
(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण