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हाई कोर्ट ने मेरठ के खनन माफिया के दो बेटों की जमानत याचिका खारिज की

इलाहाबाद हाईकोर्ट

– कोर्ट ने कहा, उनके भागने का खतरा, पिता पहले ही देश छोड़कर भाग चुका है

प्रयागराज, 26 नवम्बर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में मेरठ क्षेत्र के खनन माफिया कहे जाने वाले हाजी इकबाल के दो बेटों को उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक क्रियाकलाप (रोकथाम) अधिनियम, 1986 के तहत एक मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया है।

हाजी इकबाल पर अपने बेटों के साथ मिलकर एक अंतरराज्यीय आपराधिक गिरोह चलाने का आरोप है, जो विभिन्न वित्तीय और शारीरिक अपराधों में शामिल है। जस्टिस कृष्ण पहल ने आलीशान की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए पाया कि प्रारम्भिक एफआईआर के बाद, आवेदक और सह आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ अतिरिक्त एफआईआर भी दर्ज की गई हैं। न्यायालय ने आवेदकों, आलीशान एवं जावेद के खिलाफ पारित दो अलग-अलग आदेशों में टिप्पणी करते हुए कहा कि ’यह मामला अधिनियम के दुरुपयोग का नहीं लगता है। क्योंकि आवेदक का आपराधिक इतिहास काफी पुराना है और उसने तत्काल एफआईआर दर्ज होने के बाद भी अपराध किया है।

कोर्ट ने कहा कि अदालत को यह मानने के लिए कोई उचित आधार नहीं है कि आवेदक ऐसे किसी अपराध के दोषी नहीं हैं और उनका जमानत पर रहते हुए भविष्य में कोई अपराध करने की सम्भावना नहीं है। जैसा कि यूपी गैंगस्टर्स अधिनियम की धारा 19(4) के तहत अपेक्षित है। आवेदन आलीशान एवं अन्य के खिलाफ थाना मिर्जापुर, सहारनपुर में यूपी गैंगस्टर्स एक्ट में मुकदमा दर्ज है। एकल न्यायाधीश ने यह भी माना कि सह आरोपित व्यक्ति हाजी इकबाल, जो आवेदकों का पिता है, पहले ही देश छोड़कर भाग चुका है और दुबई में रह रहा है। ऐसे में, आवेदकों के भागने का खतरा है। कोर्ट ने इस कारण उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।

मामले के अनुसार आवेदक (जावेद और अलीशान) पर एक एफआईआर दर्ज है। इसमें आरोप लगाया गया है कि आरोपित व्यक्ति, हाजी इकबाल गिरोह का नेता है और आवेदक, पांच अन्य नामित आरोपितों के साथ एक अंतरराज्यीय जिला गिरोह संचालित कर रहा है जो लोगों को उनकी जान लेने की धमकी देने, जबरन वसूली करने और अवैध धन निकालने में शामिल है।

एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया है कि वे लकड़ी की तस्करी, अवैध खनन और सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जे में शामिल हैं। इस तरह से उन्होंने आम जनता में आतंक, भय और असुरक्षा की भावना पैदा की है। मामले में जमानत की मांग करते हुए, आवेदकों के वकील ने तर्क दिया कि वर्तमान एफआईआर गैंगस्टर अधिनियम के प्रावधानों का दुरुपयोग है। क्योंकि आवेदक को गैंग चार्ट में उल्लिखित दो मामलों के आधार पर ही इस मामले में फंसाया गया है। जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि आवेदक के भागने का खतरा है क्योंकि उसके पिता हाजी इकबाल पहले ही देश छोड़कर भाग चुके हैं और वह मुख्य आरोपित हैं। आवेदक ने अपने पिता के साथ मिलकर काम किया है।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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