
नई दिल्ली, 14 मई (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने तिहाड़ जेल में क्षमता से ज्यादा कैदियों को रखने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता को मामले में सक्षम प्राधिकार के पास जाने को कहा।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले ही विचार कर रहा है। कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि याचिकाकर्ता ने इस बारे में केंद्र सरकार को एक प्रतिवेदन दिया है लेकिन केंद्र सरकार तिहाड़ जेल समेत दिल्ली की दूसरी जेलों के लिए सक्षम प्राधिकार नहीं है। उसके बाद हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दिल्ली सरकार के समक्ष अपनी बात रखने को कहा।
याचिका आनंद तिवारी ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि जेल में कैदियों की संख्या ज्यादा होना संविधान की धारा 21 के तहत कैदियों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। कैदियों की ज्यादा संख्या होना उनकी शांतिपूर्ण और गरिमामयी जीवन के अधिकार का उल्लंघन है।
इससे पहले भी हाई कोर्ट ने दिसंबर 2022 में ऐसी ही एक याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। 2022 में एनजीओ न्याय फाउंडेशन ने याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि गैर जरूरी गिरफ्तारियों की वजह से जेल में भीड़ बढ़ गई है। जिन निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया जाता है वे जेल के अंदर की हालत देखकर खुदकुशी करने को मजबूर हो जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट के तमाम दिशा-निर्देशों के बावजूद गैरजरुरी गिरफ्तारियां रोकी नहीं जा रही हैं।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
