Maharashtra

हाई कोर्ट ने एमएमआरडीए व एलएंडटी विवाद पर फैसला रखा सुरक्षित

मुंबई, 15 मई (Udaipur Kiran) । ठाणे-घोड़बंदर से भायंदर टनल व एलिवेटेड रोड परियोजना के लिए चल रहे मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) और लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) विवाद पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित ऱख लिया है। अदालत ने गुरुवार को एलएंडटी की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए एमएमआरडीए द्वारा बोलियां खोलने पर अंतरिम रोक जारी रखने का फैसला सुनाया है।

न्यायमूर्ति कमल खाट और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ ने एलएंडटी की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखते हुए कहा कि तब तक इस बारे में जारी अंतरिम आदेश लागू रहेगा। कोर्ट ने बुधवार को याचिकाकर्ताओं और एमएमआरडीए के वकीलों की विस्तृत सुनवाई के बाद कहा था कि वह परियोजना के लिए वित्तीय बोलियां एक दिन के लिए न खोले। इस परियोजना की अनुमानित लागत 6,000 करोड़ रुपये है, जिसमें वसई क्रीक पर 9.8 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड शामिल है। इसे अटल सेतु के बाद दूसरी सबसे लंबी संरचना बताया जा रहा है। इसे मुंबई कोस्टल रोड परियोजना के विस्तार के रूप में प्रस्तावित किया गया है। गुरुवार को एलएंडटी की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी और एसयू कामदार ने दलीलें दी कि एमएमआरडीए उन्हें अपनी बोली के बारे में सूचित करने में विफल रहा है.साथ ही इस बात पर जोर दिया कि निष्पक्षता और पारदर्शिता के सिद्धांतों का हर समय पालन किया जाना चाहिए। एमएमआरडीए की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि निविदा की धारा में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि केवल उत्तरदायी बोलीदाताओं को ही सूचित किया जाएगा।

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(Udaipur Kiran) / वी कुमार

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