नैनीताल, 3 अगस्त (Udaipur Kiran) । हाई कोर्ट ने लापता फौजी को नियमानुसार मृत मानते हुए भारत सरकार को उनकी पत्नी को देयकों का भुगतान करने के आदेश दिए। कोर्ट के आदेश पर सरकार ने भुगतान करने पर याचिका निस्तारित कर दिया।
पिथौरागढ़ निवासी जानकी देवी ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर कहा था कि उसके पति त्रिलोक सिंह जम्मू-कश्मीर राइफल्स में राइफलमैन पद पर सेवारत थे। 2014 में जब तबीयत बिगड़ने पर उनको पिथौरागढ़ से उपचार के लिए ले जाया जा रहा था तो हापुड़ उत्तर प्रदेश से गायब हो गए। इसके बाद उनका अतापता नहीं लगा। कोर्ट के आदेश पर भारत सरकार की ओर से जवाब दाखिल कर बताया गया कि भगोड़े सैनिक के परिवार को देयकों का भुगतान नहीं किया जा सकता। उसके लापता होने के सात साल बाद नियमानुसार मृत घोषित कर दिया जाता है, कोर्ट ने इस आधार पर सरकार को सैनिक के बकाया देयकों के भुगतान का आदेश पारित किया। भारत सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता की ओर से कोर्ट को बताया कि सैनिक की पत्नी को कोर्ट के आदेश पर संपूर्ण बकाया भुगतान कर दिया गया है। वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुराेहित की खंडपीठ ने याचिका को निस्तारित कर दिया।
(Udaipur Kiran) / लता / प्रभात मिश्रा