
कोलकाता, 02 मई (Udaipur Kiran) । कलकत्ता हाई कोर्ट की जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच ने कूचबिहार जिले में तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली महिला को पूर्ण सुरक्षा देने का निर्देश दिया है। अदालत ने जिला पुलिस को आदेश दिया है कि महिला के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर कोई भी कठोर कार्रवाई न की जाए।
इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की बेंच ने की। रिकॉर्ड के अनुसार, आरोपित तृणमूल कांग्रेस का एरिया प्रेसिडेंट है, जिस पर आरोप है कि उसने राज्य सरकार के स्कूल में नौकरी दिलाने के नाम पर पीड़िता से पांच लाख रुपये लिए थे। जब वादा पूरा नहीं हुआ, तो महिला ने आरोपित पर दबाव बनाना शुरू किया कि या तो पैसे लौटाए या नौकरी दी जाए।
शिकायत में पीड़िता ने बताया कि आरोपित ने उसे एक इंटरव्यू के बहाने बुलाया, जहां उसके साथ मारपीट कर बलात्कार किया गया। महिला का यह भी आरोप है कि आरोपित ने अश्लील तस्वीरें खींचकर धमकी दी कि अगर उसने पैसे और बलात्कार की घटना किसी को बताई तो वह तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा।
महिला ने कूचबिहार के दिनहाटा थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार किया। हालांकि, इसके तुरंत बाद आरोपित के परिवारवालों ने पीड़िता के खिलाफ ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाते हुए एक जवाबी प्राथमिकी दर्ज करा दी।
पीड़िता का आरोप है कि तभी से उसे लगातार धमकियां मिल रही थीं कि वह शिकायत वापस ले ले। ऐसे में उसने हाई कोर्ट की जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच में सुरक्षा की गुहार लगाई। अदालत ने पीड़िता को राहत देते हुए पुलिस को उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
