नई दिल्ली, 20 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने चीनी स्मार्टफोन कंपनी वीवो से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में आरोपित हरिओम राय को जमानत दे दी है। जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने यह आदेश दिया।
कोर्ट ने हरिओम राय को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि आरोपित कोर्ट की अनुमति के बिना दिल्ली-एनसीआर छोड़कर नहीं जाएंगे और अपना पासपोर्ट सरेंडर करेंगे। जमानत के दौरान आरोपित गवाहों को प्रभावित करने या साक्ष्यों से छेड़छाड़ की कोशिश नहीं करेगा। कोर्ट ने कहा कि आरोपित जांच अधिकारी को अपना मोबाइल नंबर उपलब्ध कराएगा और ट्रायल के दौरान हमेशा उपलब्ध रहेगा।
कोर्ट ने कहा कि आरोपित 10 अक्टूबर 2023 से हिरासत में है और ट्रायल पूरा होने में वक्त लगेगा। अभी तक इस मामले में आरोप भी तय नहीं हुए हैं। इस मामले में सात आरोपितों में से तीन आरोपितों की गिरफ्तारी को ट्रायल कोर्ट गैरकानूनी करार दे चुका है। तीन दूसरे आरोपितों को जमानत मिल चुकी है। हाई कोर्ट ने 18 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 3 अक्टूबर को ईडी को नोटिस जारी किया था।
सुनवाई के दौरान हरिओम राय की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने कहा था कि हरिओम राय की वीवो के सीईओ से 2013 में मुलाकात हुई थी। मुलाकात में संयुक्त उपक्रम लगाने पर बात हुई थी लेकिन बातचीत असफल रही थी। हरिओम राय की पुरानी बातचीत को किसी गड़बड़ी से नहीं जोड़ा जा सकता है, खासकर तब जब भारत और चीन के बीच संबंधों में तनाव है।
उल्लेखनीय है कि फरवरी में हाई कोर्ट ने हरिओम राय को स्वास्थ्य के आधार पर तीन महीने की अंतरिम जमानत दी थी। उसके पहले 18 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने हरिओम राय की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। ईडी ने इस मामले में 2022 में देशभर में फैले वीवो कंपनी के 48 जगहों पर छापा मारा था। ईडी ने वीवो कंपनी से जुड़ी 23 कंपनियों पर भी छापा मारा था। 30 दिसंबर 2023 को पटियाला हाउस कोर्ट ने वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ हांग शुकुआन ऊर्फ टेरी के अलावा सीएफओ हरिंदर दहिया और कंसल्टेंट हेमंत मुंजाल की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था। इस आदेश को ईडी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
(Udaipur Kiran) /संजय कुमार
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