Maharashtra

हाई कोर्ट ने दी चेंबूर में तीन स्लम प्रोजेक्ट को हरी झंडी

मुंबई, 19 फरवरी (हि.सं.)। बांबे हाई कोर्ट ने चेंबूर में तीन झुग्गी बस्तियों के पुनर्विकास को हरी झंडी दी है। संबंधित डेवलपर्स को समुद्र तल से 84.92 मीटर ऊपर इमारतें बनाने की अनुमति दी गई है। कोर्ट ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को तीनों स्लम एरिया की परियोजनाओं के निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने का आदेश दिया है। यहां एसआरए परियोजना में 142 झोपड़ा धारकों का जल्द पुनर्वास किया जाएगा।

कोर्ट ने यह भी फैसला दिया है कि गारंटी प्रस्तुत करने में प्रक्रियागत त्रुटियां या परियोजना को नई ऊंचाई मानदंडों के अधीन एनओसी रोकने का आधार नहीं हो सकता। न्यायाधीश गिरीश कुलकर्णी और न्यायाधीश अद्वेत सेठना की पीठ ने उपरोक्त आदेश दिया है। मेसर्स पैराडाइम डॉटकॉम बिल्डर हाइट्स एलएलपी, जय भगवती डेवलपर्स एंड बिल्डर्स और मेसर्स आरके मधानी एंड कंपनी ने एयरपोर्ट अथॉरिटी के अनापत्ति प्रमाण पत्र रोकने के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याचिकाकर्ता एसआरए योजना के तहत तीन मलिन बस्तियों, एकता, पंचशील और विश्व गौतम का पुनर्विकास कर रहा है। एएआई ने 6 जून, 2023 को याचिकाकर्ताओं को पत्र लिखकर संशोधित एनओसी देने से इनकार कर दिया था। क्योंकि नए नियमों के अनुसार समय सीमा के पुनर्मूल्यांकन की आवश्यकता थी। याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि इस पत्र को रद्द किया जाए।

एएआई ने 2013 में डेवलपर्स को समुद्र तल से 56.90 मीटर की ऊंचाई तक इमारतें बनाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया था। हालांकि, 2016 में एएआई की अपीलीय समिति ने हवाई अड्डा क्षेत्र में इमारतों के लिए समुद्र तल से 84.92 मीटर की ऊंचाई अनिवार्य कर दी थी।

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(Udaipur Kiran) / वी कुमार

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