HEADLINES

हाइकोर्ट ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने रोडमैप तैयार करने का दिया आदेश, निदेशक ने हलफनामा में जवाब किया पेश

ब‍िलासपुर हाईकोर्ट

ब‍िलासपुर, 30 जनवरी (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने वाले दुर्घटनाओं की चिंता और सड़क स्थिति पर संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई चल रही है। हाइकोर्ट इस मामले में लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है। गुरुवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की बैंच में सुनवाई हुई। जिसमें 17 दिसंबर 2024 के पूर्व आदेश के परिपालन को लेकर के राष्ट्रीय राजमार्ग का पक्ष रखने वाले अधिवक्ता धीरज वानखेड़े ने हलफनामा पेश किए जाने की जानकारी दी। दो दिन का अतिरिक्त समय मांगा। जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग के द्वारा सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए किया जा रहे उपाय के बारे में जानकारी दी। वहीं अधिवक्ता ने विभाग के द्वारा सड़क किनारे बंबू फेसिंग और गड्ढे बनाकर मवेशियों को रोकने के प्रयास को बताया। वही कोर्ट के समझ कोर्ट कमिश्नर ने सड़क दुर्घटनाओं में 2023 की अपेक्षा 2024 में 10 प्रत‍िशत की वृद्धि होने की जानकारी दी। जिस पर कोर्ट की डबल बैंच ने राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी को दुर्घटनाओं में कमी लाने के उपाय करने के निर्देश दिए। वहीं अगली सुनवाई 24 मार्च 2025 को तय की।

उल्‍लेखनीय है कि 17 नवंबर 2024 को हुई सुनवाई में राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने हलफनामे में कहा था सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं और सड़क दुर्घटना में किसी भी तरह की जनहानि की संभावना को दूर करने के लिए हर संभव सावधानी और एहतियात बरती जा रही है। हाइ कोर्ट ने एनएचएआई की ओर से उपस्थित अधिवक्ता धीरज वानखेड़े को कहा था कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने वाली दुर्घटनाओं पर अधिकारियों द्वारा ध्यान दिया जाए, जिन्हें दुर्घटनाओं को कम करने के लिए अन्य राज्यों की तरह रोडमैप तैयार करने आदेश दिया था। इस मामले में क्षेत्रीय निदेशक, एनएचएआई, रायपुर, (छ.ग.) को इस मामले में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।

—————

(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi

Most Popular

To Top