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हाईकोर्ट ने दाेनाें राज्याें  के अधिकारियों को बैठक कर रिपोर्ट पेश करने के दिए निर्देश

नैनीताल हाईकोर्ट।

-कालागढ़ डैम क्षेत्र में अवैध कब्जे का मामला नैनीताल, 21 मार्च (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट ने कालागढ़ डैम क्षेत्र में वन एवं सिंचाई विभाग की भूमि पर अवैध रूप से रह रहे सेवानिवृत्त कर्मचारियों व अन्य करीब चार पांच साै परिवारों को हटाए जाने के मामले में सुनवाई के बाद अगली तारीख 28 अप्रैल निर्धारित की है।हाईकोर्ट के पूर्व आदेश के अनुपालन में उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश हुईं। उन्होंने कोर्ट को अवगत कराया कि कालागढ़ डैम उत्तर प्रदेश की भूमि में स्थित है, इसलिए विस्थापन की जिम्मेदारी यूपी सरकार की बनती है। दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश सरकार के अधिवक्ता ने कोर्ट में स्पष्ट किया कि इस मामले में उनकी सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं है।इस पर हाईकोर्ट ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को एक माह के भीतर बैठक कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से सवाल किया कि जब कालागढ़ डैम का अधिकांश हिस्सा उत्तर प्रदेश में स्थित है, तो उन्होंने याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर क्यों नहीं की। इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने जवाब दिया कि उनके मुवक्किलों को हटाने का नोटिस उत्तराखंड के पौड़ी जिलाधिकारी ने जारी किया है, इसलिए उन्होंने उत्तराखंड हाईकोर्ट की शरण ली है।मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने की। याचिकाकर्ता कालागढ़ जन कल्याण उत्थान समिति की जनहित याचिका में कहा गया है कि 1960 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने कालागढ़ डैम के निर्माण के लिए वन विभाग की हजारों हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित कर सिंचाई विभाग को दी थी। डैम निर्माण के बाद बची भूमि को वन विभाग को लौटाने की बात कही गई थी। कुछ भूमि वापस की गई, लेकिन शेष भूमि पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों और अन्य लोगों ने कब्जा कर लिया।अब राज्य सरकार 213 लोगों को विस्थापित कर रही है जबकि वे भी दशकों से उसी स्थान पर रह रहे हैं और उनको विस्थापित नहीं किया जा रहा है। उन्हें हटने का नोटिस दिया गया है।

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(Udaipur Kiran) / लता

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