कोलकाता, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । 2017 और 2022 के शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) के प्रश्नों में गड़बड़ी के आरोपों की जांच के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट ने तीन सदस्यीय समिति गठित करने का निर्देश दिया है। यह समिति पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा परिषद, कलकत्ता विश्वविद्यालय और विश्वभारती विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों से मिलकर बनेगी। न्यायमूर्ति हरीश टंडन की खंडपीठ ने इस समिति के गठन का आदेश दिया है।
इस समिति को प्रत्येक विषय, जैसे कि बंगाली, अंग्रेजी और बाल मनोविज्ञान, के लिए अलग-अलग विशेषज्ञों की राय लेने का निर्देश दिया गया है। समिति इन विषयों के विशेषज्ञों की मदद से प्रश्नपत्रों की जांच करेगी। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि इस समिति का गठन 14 दिनों के भीतर पूरा किया जाए।
यह मामला तब सामने आया जब 2017 और 2022 की टेट परीक्षाओं में प्रश्नों के गलत होने का आरोप लगाते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। आरोप था कि 2017 की टेट परीक्षा में 23 प्रश्न गलत थे। न्यायमूर्ति राजाशेखर मंथा ने इस मामले की जांच के लिए विश्वभारती विश्वविद्यालय को एक विशेष समिति बनाने का निर्देश दिया था। इसी तरह, 2022 की टेट परीक्षा में 24 प्रश्नों में गड़बड़ी के आरोप के संबंध में याचिका दायर की गई थी, जिसके बाद न्यायमूर्ति राजाशेखर मंथा ने जांच के लिए जादवपुर विश्वविद्यालय को निर्देशित किया था।
इन दोनों आदेशों को चुनौती देते हुए पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा परिषद ने खंडपीठ का रुख किया, जिसके परिणामस्वरूप आज खंडपीठ ने तीन सदस्यीय समिति के गठन का निर्देश दिया। इससे पहले, 24 अप्रैल को 2017 के टेट प्रश्नों की जांच के लिए विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलपति से सहायता मांगी गई थी, जबकि 25 अप्रैल को 2022 के टेट प्रश्नों की जांच के लिए जादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति से सहयोग लिया गया था।
खंडपीठ ने इस मामले में संबंधित विशेषज्ञों की नियुक्ति और प्रश्नों की पुनः जांच के निर्देश दिए हैं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर / गंगा