नई दिल्ली, 21 जनवरी (Udaipur Kiran) । दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोपितों की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस की ओर से काफी लंबी दलीलें रखने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने एतराज जताते हुए कहा है कि वो इस मामले पर अंतहीन सुनवाई नहीं कर सकती है। जस्टिस नवीन चावला की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि दिल्ली पुलिस से कहा कि वो आरोपितों की विशेष भूमिका के बारे में बताएं क्योंकि आरोपित कह रहे हैं कि उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं बनता है। मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा से कहा कि आप काफी लंबी दलीलें रख रहे हैं। ये अंतहीन सिलसिला नहीं चल सकता है। तब अमित प्रसाद ने कहा कि आरोपितों की जमानत याचिकाएं ट्रायल कोर्ट की ओर से खारिज की जा चुकी हैं। ऐसे में इस पर विस्तार से सुनवाई की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने माना है कि साजिश रची गई है।
इसके पहले भी 9 जनवरी को उमर खालिद की जमानत याचिका के दौरान स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद की दलीलें लंबी चली तब कोर्ट ने पूछा था कि आप कितना समय लेंगे। आप जो बोल रहे हैं उसे हम बीच-बीच में समझ नहीं पा रहे हैं। हम साक्ष्यों पर सरसरी निगाह डालना चाहते हें। आप अपने साक्ष्यों का एक चार्ट कोर्ट में पेश करें। आपके पास आरोपितों के खिलाफ जो भी हो उसे लाइए। हम एक हजार पेजों से ज्यादा देख रहे हैं। इस पर एक आरोपित की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने कहा कि साक्ष्यों को जोड़ने का तरीका इतना खराब है कि हर सवाल का जवाब नहीं दिया जा सकता है। तब जस्टिस नवीन चावला ने कहा कि हम भी बीच में समझ नहीं पा रहे हैं। फरवरी 2020 में दिल्ली दंगों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और काफी लोग घायल हुए थे।
(Udaipur Kiran) / संजय
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(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह