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स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा 2016 की राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट वेबसाइट पर जारी नहीं होने पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

jharkhnad high court

रांची, 5 सितंबर (Udaipur Kiran) । झारखंड हाई कोर्ट ने स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2016 की राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट की बजाय अभ्यर्थियों का सिर्फ स्कोर कार्ड जारी किए जाने को गंभीरता से लिया है। गुरुवार काे सुनवाई के दाैरान कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने मामले में शुक्रवार को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग शिक्षक (जेएसएससी ) के अध्यक्ष को हाई कोर्ट ने तलब किया है। झारखंड हाई कोर्ट में मीना कुमारी एवं अन्य याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताार्आ की ओर से कोर्ट को बताया गया कि जेएसएसी ने हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया है।

जेएसएससी ने स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2016 की राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट की बजाय अभ्यर्थियों का अलग-अलग स्कोर कार्ड जारी किया है। जेएसएससी की ओर से भी कोर्ट को बताया गया कि उसने वेबसाइट पर स्कोर कार्ड ही अपलोड किया है। कोर्ट को बताया गया कि पिछली सुनवाई में जेएसएसी ने वर्ष 2016 के हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति विज्ञापन के आलोक में राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट जारी करने पर सहमति जताई थी।

पिछली सुनवाई में झारखंड हाई कोर्ट में जेएसएससी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट जेएसएससी अपनी वेबसाइट पर 10 दिन में अपलोड कर देगा। जेएसएससी ने वेबसाइट पर सभी विषयों की राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट जारी करने की बात कही थी, जिस पर कोर्ट ने जेएसएससी को निर्देश दिया था कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में स्नातक पर शिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा 2016 की राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट जारी करें।

मामले में मीना कुमारी समेत सात याचिकाओं की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पूर्व में कहा था कि इससे संबंधित सोनी कुमारी की अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट बनाकर हाई स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति करने का निर्देश दिया था। वर्ष 2016 के नियुक्ति विज्ञापन के आधार पर सरकार को हाई स्कूल शिक्षकों के 17786 रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया था।

उल्लेखनीय है कि मीना कुमारी एवं अन्य की ओर से याचिकाएं दाखिल की गई थीं। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2016 में जो हाई स्कूल शिक्षक की नियुक्ति का विज्ञापन निकला था, उसके आलोक में उनकी भी नियुक्ति होनी चाहिए। क्योंकि कट ऑफ से ज्यादा मार्क्स उन्होंने लाया है, अगर हाई स्कूल शिक्षकों की रिक्तियां बची हैं तो उनकी भी नियुक्ति होनी चाहिए।

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(Udaipur Kiran) / शारदा वन्दना

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