नई दिल्ली, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वे चांदनी चौक पुनर्विकास परियोजना और आसपास के क्षेत्र में अवैध गतिविधियों पर रोक लगाएं। चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इलाके में सब कुछ टूटा हुआ है और हर जगह गंदगी और कचरा पड़ा हुआ है, ये काफी दुखद है।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि अधिकारी कुछ नहीं कर रहे हैं, यह चौंकाने वाली स्थिति है। लोग जुआ खेल रहे हैं। हाई कोर्ट ने चांदनी चौक के कुछ फोटो देखने के बाद कहा कि लगता है कि कुछ नशे की लत वाले हैं, दिल्ली पुलिस कुछ नहीं कर रही है। क्या दिल्ली पुलिस को जमीनी हकीकत के बारे में पता है। कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से पूछा कि आप क्या कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि बीट अधिकारी जाते जरूर हैं लेकिन हफ्ता वसूली के लिए। पुलिस सब कुछ जानकर भी असहाय बनी हुई है। इससे पुलिस की बदनामी होती है।
कोर्ट ने कहा कि हमारा मानना है कि दिल्ली नगर निगम और दिल्ली पुलिस को अवैध गतिविधियों पर रोक लगानी चाहिए। कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, शाहजहांनाबाद रिडेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड, दिल्ली पुलिस और ट्रैफिक पुलिस को दो हफ्ते के अंदर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने संबंधित इलाके के डीसीपी और पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी को सुनवाई की अगली तिथि 13 दिसंबर को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया।
दरअसल, हाई कोर्ट चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें कहा गया है कि चांदनी चौक रिडेवलमेंट प्रोजेक्ट के तहत लाल किला से फतेहपुरी मस्जिद के रास्ते की स्थिति काफी दयनीय है। अवैध गतिविधियों की वजह से काफी नुकसान हुआ है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील संजीव राली ने कहा कि दिल्ली नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, दिल्ली पुलिस और ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी बिल्कुल भी अपनी जिम्मेदारी निभाने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक इस प्रोजेक्ट की मानिटरिंग कोर्ट कर रही थी तब तक सब कुछ ठीक था, लेकिन जब कोर्ट ने याचिका बंद किया उसके बाद से स्थिति बिगड़ती चली गई। इस प्रोजेक्ट में लगा 140 करोड़ रुपये का सार्वजनिक धन बेकार हो रहा है।
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(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह