कोलकाता, 17 अप्रैल (Udaipur Kiran) ।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को मुर्शिदाबाद के धुलियान में केंद्रीय बलों की तैनाती बरकरार रखने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति राजा बसु चौधरी की खंडपीठ ने गुरुवार को उक्त निर्देश दिया। इसके साथ ही मामले की एनआईए जांच की मांग पर अदालत ने कहा कि लिखित आदेश जारी करते समय इस पर विचार किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि संशोधित वक्फ कानून के खिलाफ विरोध के दौरान मुर्शिदाबाद के कई इलाकों में जमकर हिंसा हुई थी। लोग घर छोड़ने को मजबूर हुए थे। तीन लोगों की मौत भी हुई थी। इसके बाद केंद्रीय बालों के तैनाती की मांग को लेकर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी की तरफ से कलकत्ता उच्च न्यायालय में मामला दायर किया गया था।
इस दिन उच्च न्यायालय ने एक विशेष समिति का विघटन किया जिसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राज्य मानवाधिकार आयोग के दो-दो प्रतिनिधियों तथा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एक सदस्य शामिल किए गए हैं। यह समिति धुलियान में बेघर लोगों की स्थिति की जांच करेगी और अदालत को रिपोर्ट सौंपेगी।
धुलियान और शमशेरगंज के कई निवासियों ने अपना घर छोड़ कर मालदा में शरण ली है। कुछ लोग पड़ोसी राज्य झारखंड के पाकुड़ चले गए हैं। सूत्रों के अनुसार, उन्हें अलग-अलग स्कूलों में रखा गया है। हालांकि, अदालत ने आज घोषणा की कि उन्हें लंबे समय तक स्कूल में नहीं रखा जा सकता। न्यायाधीशों ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य को विस्थापित लोगों को उनके घरों में वापस भेजने या यथाशीघ्र उनके पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए।
साथ ही, अदालत ने राज्य को प्रभावित लोगों के लिए एक योजना बनाने का भी आदेश दिया। न्यायाधीशों की सलाह है कि मृतक के परिवारों को केवल पैसा देना पर्याप्त नहीं है। यदि आवश्यक हो तो राज्य सरकार को रोजगार उपलब्ध कराने के बारे में भी सोचना
चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
