
जयपुर, 14 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने जीएसटी चोरी के मामले में आरोपित लवकेश कुमार को निचली अदालत से मिली जमानत को निरस्त कर दिया है। जस्टिस प्रवीर भटनागर ने यह आदेश जीएसटी के मुख्य अतिरिक्त महानिदेशक की ओर से दायर जमानत रद्द प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने कहा कि समस्त रिकॉर्ड से साबित है कि निचली अदालत ने आरोपित को जमानत देने में त्रुटि की है। ऐसे में उसको मिली जमानत को रद्द किया जाता है और आरोपित 7 मार्च तक निचली अदालत में समर्पण करे।
प्रार्थना पत्र में जीएसटी के सीनियर स्टैंडिंग कौंसिल किंशुक जैन ने अदालत को बताया कि जीएसटी विभाग ने सूचना पर कार्रवाई की थी। जिसमें पता चला कि मैसर्स गुरबख्श राय कॉटन इंडस्ट्रीज, मैसर्स गुरबख्श राय एंड संस और मैसर्स गुरबख्श राय प्रवीण कुमार वास्तव में माल प्राप्त किए बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठा रहे थे। लवकेश कुमार के आवासीय परिसर की तलाशी ली गई तो फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पाया गया। यह भी पता चला कि 27 में से 24 फर्म अस्तित्व में ही नहीं थी। लवकेश ने अन्य सह आरोपित गौतम गर्ग से मिलकर फर्जी बिल हासिल किए। वहीं निचली अदालत ने लवकेश कुमार को जमानत देते समय माना कि उसके बयान सामान्य परिस्थितियों में नहीं लिए गए। इसके अलावा रिकॉर्ड पर ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि लवकेश कुमार मैसर्स गुरबख्श राय प्रवीण कुमार फर्म का संचालक है। निचली अदालत ने यह भी माना कि विभाग ने अनजाने में लवकेश कुमार पर जिम्मेदारी डालने के लिए मैसर्स गुरबख्श राय प्रवीण कुमार के मालिक को गिरफ्तार नहीं किया। ऐसे में निचली अदालत का जमानत देने का आदेश गलत है। इसलिए आरोपित की जमानत को रद्द किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपित को मिली जमानत को रद्द कर दिया है।
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(Udaipur Kiran)
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