कोलकाता, 20 दिसंबर (Udaipur Kiran) ।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज की महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर डॉक्टरों का एक समूह शुक्रवार शाम से धर्मतला के मेट्रो चैनल पर धरने पर बैठेगा। कलकत्ता हाई कोर्ट ने डॉक्टरों के इस धरने को मंजूरी दे दी है, हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें भी लगाई गई हैं।
राज्य सरकार ने डॉक्टरों के धरने पर आपत्ति जताई थी और इसे रोकने की कोशिश की थी लेकिन हाई कोर्ट के न्यायाधीश तीर्थंकर घोष ने राज्य की आपत्ति खारिज करते हुए डॉक्टरों को मेट्रो चैनल पर धरना देने की अनुमति दी। अदालत ने निर्देश दिया है कि धरना स्थल डोरिना क्रॉसिंग से कम से कम 50 फीट की दूरी पर होना चाहिए। साथ ही, वहां एक समय में 200-250 से अधिक लोग इकट्ठा नहीं हो सकते। यह धरना 26 दिसंबर तक चलेगा।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि धरना स्थल पर 40 फीट लंबा और 23 फीट चौड़ा मंच बनाया जाएगा। धरने के दौरान कोई भी अपमानजनक बयान नहीं दिया जा सकेगा और पुलिस के साथ समन्वय बनाकर कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी।
आरजी कर कॉलेज की महिला चिकित्सक के बलात्कार और हत्या के मामले में 90 दिनों के बाद भी सीबीआई चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई है। इस देरी के कारण मामले में गिरफ्तार आरजी कर के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष और टाला थाने के पूर्व ओसी अभिजीत मंडल को अदालत ने जमानत दे दी है। इस फैसले के विरोध में डॉक्टरों ने धरने का आयोजन किया है।
राज्य सरकार ने शुरू में धरने का विरोध करते हुए सुझाव दिया था कि यह कार्यक्रम धर्मतला की जगह वाई चैनल पर आयोजित हो, जहां एक हजार लोगों तक की भीड़ को नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन कोर्ट ने इस सुझाव को खारिज करते हुए कहा कि डॉक्टर पहले से मानसिक रूप से तैयार हैं और उन्हें अपनी योजना बदलने की आवश्यकता नहीं है।
अदालत ने राज्य को निर्देश दिया है कि 24 और 25 दिसंबर को बाहरी लोगों को धरना स्थल पर प्रवेश की अनुमति न दी जाए। साथ ही, धरना स्थल के चारों ओर सात फीट ऊंचे गार्ड रेल लगाए जाएं ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर