HimachalPradesh

कालेज शिक्षकों को शिक्षक अवार्ड देने के निर्णय का एचजीसीटीए ने किया स्वागत

मंडी, 24 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश महाविद्यालय के शिक्षकों को भी शिक्षक अवार्ड देने के निर्णय का एचजीसीटीए ने स्वागत किया है। हिमाचल राजकीय कालेज शिक्षक एसोसिएशन की प्र्रदेश अध्यक्ष डा. बनिता सकलानी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कालेज शिक्षकों को भी शिक्षक अवार्ड देने का निर्णय किया है। जो अपने आप में एक पहला ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने बताया कि आज से पहले कभी भी पूर्व सरकारों नें कालेज प्रोफ़ेसरों को शिक्षक अवार्ड की सूची में नहीं डाला और न ही अब तक यह पुरस्कार उन्हें दिया गया। जबकि प्राथमिक स्कूल से महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर तक सभी शिक्षक ही होते है, उनको भी प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षक पुरस्कार देना चाहिए। इस वर्ष सरकार के द्वारा महाविद्यालय के शिक्षकों शिक्षक पुरस्कार में शामिल करना अपने आप में एक मिसाल भरा निर्णय है।

उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से समस्त कालेज शिक्षक वर्ग अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। महाविद्यालय के शिक्षक भी शिक्षण के अलावा एनएसएस और एनसीसी आदि में विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए हमेशा सहयोग एवं मार्गदर्शन करते रहते है। वहीं समय-समय पर भारत सरकार एवं हिमाचल सरकार द्वारा घोषित कार्यक्रमों के संचालन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते है। अधिकांश शिक्षक जनजातीय और कठिन क्षेत्र के महाविद्यालयों में अपनी सेवा पूरी निष्ठा के साथ निभाते हैं।

डा. वनिता ने कहा कि महाविद्यालय के शिक्षक भी वे सभी कठिनाइयां झेलते हैं जो स्कूल के शिक्षक जनजातीय क्षेत्रों में झेलते है। महाविद्यालयों के शिक्षकों में भी शिक्षक अवार्ड प्राप्त करने की प्रतिस्पर्धा लग जाएगी।जो कहीं ना कहीं विद्यार्थियों के हित में ही होगी शिक्षक अपनी शैक्षणिक और सह पाठ्यक्रम गतिविधियां करवाने में अपना अहम योगदान देंगें। जिसके परिणाम स्वरूप महाविद्यालय के विद्यार्थियों को सर्वांगीण विकास करने का मौका उपलब्ध होगा। महाविद्यालय के शिक्षकों की सेवानिवृति की आयु भी यूजीसी के नियमों के तहत 58 से बढ़ा कर 65 कर देनी चाहिए। हमारे देश के कई महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की सेवानिवृति की आयु 65 वर्ष है। इसलिए एक देश में समान शिक्षा नियम लागू करने से शिक्षकों का मनोबल भी बढ़ेगा तथा उन्हें आत्मसम्मान भी मिलेगा। इस निर्णय को लेने से महाविद्यालयों को सुचारू रूप से चलाने में सुविधा होगी

(Udaipur Kiran)

(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा शुक्ला

Most Popular

To Top