हमीरपुर, 20 दिसंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ ( एचजीसीटीए) के आह्वान पर हिमाचल प्रदेश के सभी 141 राजकीय महाविद्यालयों में शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा लाए गए हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी नियुक्ति तथा सेवा शर्तें बिल 2024 के विरोध में काले बिल्ले लगाकर और गेट मीटिंग कर कर विरोध जताया।
एचजीसीटीए के प्रदेश महासचिव डॉक्टर संजय कानूनगो के अनुसार अनुबंध आधार पर नियुक्त कॉलेज प्रवक्ताओं ने 2009 से लंबी लड़ाई लड़कर उच्च न्यायालय शिमला से न्याय प्राप्त किया। न्यायालय ने अपने फैसले में कर्मचारियों को वरिष्ठता सहित सभी लाभ प्रथम नियुक्ति से देने के फैसले दिए। कुछ प्रवक्ताओं को यह लाभ मिल भी चुके हैं परंतु अधिकतर प्रवक्ताओं को अभी यह लाभ नहीं मिले। प्रदेश सरकार इसी बीच एक कर्मचारी विरोधी बिल जिसको 12 दिसंबर 2003 से लागू माना जाएगा को लेकर आ गई ताकि कर्मचारियों को अनुबंध कॉल को मिलाकर यह लाभ नियुक्ति तिथि से न देने पड़े और माननीय न्यायालय के फैसले को दरकिनार किया जा सके। जब प्रदेश सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम लागू की थी तो कॉलेज प्राध्यापक संघ ने इसका स्वागत किया था और लगा था कि यह सरकार कर्मचारियों के हितों को सुरक्षित रखेगी। लेकिन उसके बाद प्रदेश सरकार एक से एक बढ़कर एक कर्मचारी विरोधी फैसले ले रही है जैसे की यह कर्मचारी विरोधी बिल, स्टडी लीव पर जाने वाले प्रवक्ताओं को केवल 40% वेतन तथा पीरियड आधार पर गेस्ट फैकेल्टी रखना आदि फैसला। अतः हिमाचल प्रदेश राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ ( एचजीसीटीए) इस इस बिल को वापस लेने की मांग करता है। यदि यह बिल वापस नहीं लिया गया तो कॉलेज प्राध्यापक संघ प्रदेश के अन्य कर्मचारी संगठनों से मिलकर संघर्ष का रास्ता अपने अपनाने को मजबूर होगा और इसकी सारी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की होगी।
—————
(Udaipur Kiran) / विशाल राणा