Uttrakhand

हरिद्वार: गाधारोना गांव में हेपेटाइटिस-सी के मामले बढ़े, तीन महीने में 471 मरीज मिले

हरिद्वार, 12 फरवरी (Udaipur Kiran) । जनपद के रुड़की क्षेत्र के गाधारोना गांव में काला पीलिया (हेपेटाइटिस-सी) के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले तीन महीनों में इस गांव में 45 मरीज सामने आ चुके हैं, जबकि अन्य क्षेत्रों से 426 और मरीज मिले हैं। कुल मिलाकर 471 मरीजों को इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए रुड़की सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है।

रुड़की सिविल अस्पताल में मरीज बड़ी संख्या में काला पीलिया का इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं। बताया गया है कि इस बीमारी की दवाई अगर निजी हॉस्पिटल या मेडिकल स्टोर से खरीदी जाए तो वह काफी महंगी होती है। यही वजह है कि अधिकतर मरीज सिविल अस्पताल पहुंच रहे हैं। दरअसल हेपेटाइटिस-सी की बीमारी का इलाज अगर समय पर न कराया जाए तो यह बीमारी एक भयंकर मोड़ ले लेती है और मरीज का बचना बेहद मुश्किल हो जाता है।

हालांकि इन दिनों हेपेटाइटिस-सी के मरीजों में भारी संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसी के चलते रुड़की के सिविल अस्पताल में दवाई लेने के लिए बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं।

वहीं इस भयंकर बीमारी को लेकर रुड़की सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. संजय कंसल ने बताया कि काला पीलिया यानि हेपेटाइटिस-सी का नाम सुनकर हर कोई चौंक जाता हैं, क्योंकि यह एक गंभीर बीमारी है। उन्होंने बताया कि पहले अस्पतालों में इस बीमारी की दवाइयां नहीं मिल पाती थी, हालांकि अस्पताल में इस रोग की दवाइयां अभी भी मौजूद नहीं होती हैं।

उन्होंने बताया कि जब कोई मरीज दवाई लेने के लिए अस्पताल आता है तो पहले मरीज का रजिस्ट्रेशन होता है, जिसके बाद दवाई का कोर्स ऑर्डर पर मंगवाया जाता है और कोर्स आने के बाद मरीज को दवाई दी जाती है। क्योंकि इस भयंकर बीमारी का तीन महीने का कोर्स होता है, सीएमएस संजय कंसल ने बताया कि काला पीलिया फैलने का कारण ब्लड ट्रांसफ्यूजन का कारण भी हो सकता है, साथ ही इसका इंफेक्शन इंजेक्शन की सिरिंज में लगी हुई सुई भी हो सकता है।

उनका कहना है कि इस इंफेक्शन की वजह शारीरिक संबंध भी हो सकता है। उन्होंने बताया कि एक दूसरे का जूठा खाने से ये इंफेक्शन नहीं फैलता है। उन्होंने बताया कि काला पीलिया यानि हेपेटाइटिस-सी का समय पर इलाज ना होने के कारण रोगी का लीवर खराब होने लगता है, रोग की अनदेखी करने पर बीमारी बड़ी लाइलाज रूप ले लेती है, यह एक तरह से लीवर का संक्रमण है। लेकिन अस्पताल में इसका इलाज मरीजों को लगातार मिल रहा है। उनका कहना है कि कुछ समय पहले इस बीमारी की दवाई मिलने में दिक्कतें आई थी, लेकिन अब लगातार दवाई मिल रही है।

उन्होंने बताया कि अस्पताल में पिछले तीन माह में 471 मरीज हेपेटाइटिस-सी के आए हैं। जिनमें से 45 मरीज गाधारोना के हैं, उन्होंने कहा कि गाधारोना गांव में हेपेटाइटिस-सी के मरीजों में इजाफा हो रहा है। इसके लिए उनके द्वारा सीएमओ हरिद्वार को अवगत करा दिया गया है। सीएमएस संजय कंसल ने सभी से अपील की है कि आपके आसपास जो भी झोलाछाप डॉक्टर बैठे हैं उनके पास बिल्कुल न जाएं। बताते चलें कुछ माह पहले भी प्रदेश के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर समेत अन्य जगहों से भी हैपेटाइटिस-सी के मरीज रुड़की सिविल अस्पताल में अपना इलाज कराने के लिए पहुंच रहे थे।

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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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