West Bengal

जाली नोट के साथ पकड़ा गया अंतर्राष्ट्रीय तस्करी गिरोह का गुर्गा

कोलकाता, 28 नवंबर (Udaipur Kiran) ।कोलकाता पुलिस की विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गुरुवार सुबह एक बड़े फर्जी भारतीय करेंसी नोट (एफआईसीएन) रैकेट का पर्दाफाश करते हुए एक तस्कर को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपित, मनवर शेख, पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के कालियाचक का निवासी है। उसे कोलकाता के एस्प्लेनेड इलाके के एक बस डीपो से पकड़ा गया। पूछताछ में इस बात की जानकारी मिली है कि वह अंतरराष्ट्रीय नोट तस्करी गिरोह का गुर्गा है। इस गिरोह को कोई और नहीं, बल्कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई चलाती है और इनका संबंध आतंकवादी गुटों से भी है

जांच अधिकारियों के अनुसार, मनवर शेख बांग्लादेश से संचालित अंतरराष्ट्रीय फर्जी नोट रैकेट से जुड़ा हुआ है। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि यह फर्जी नोट महाराष्ट्र के नासिक में पहुंचाने के लिए लाया गया था।

मनवर शेख नासिक में मछली व्यापार का बड़ा कारोबार चलाता है, जिसमें नकद लेन-देन होता है। जांचकर्ताओं का मानना है कि वह नकली नोटों को अपने व्यापार के माध्यम से बाजार में प्रसारित करता था। आरोपित मुख्य रूप से संचार एजेंट के रूप में काम करता था।

एसटीएफ ने आरोपित के पास से 500 रुपये के नकली नोट बरामद किए, जिनकी कुल कीमत तीन लाख रुपये है। जांचकर्ताओं ने बताया कि इन नोटों की गुणवत्ता इतनी बेहतरीन है कि आम लोग इन्हें असली और नकली में फर्क नहीं कर सकते।

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अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से जुड़ने का शक

जांचकर्ताओं को शक है कि यह रैकेट आतंकवादी संगठनों से भी जुड़ा हो सकता है। पिछले कुछ वर्षों में कोलकाता और मालदा में कई बार फर्जी नोटों की बरामदगी हुई है, जिनमें अधिकतर आरोपित मालदा जिले के ही निवासी पाए गए हैं।

कुछ महीने पहले कोलकाता की एक विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने एक अन्य फर्जी नोट मामले में सात आरोपितों को सात साल की सजा सुनाई थी। वहीं, आठवें आरोपित अब्दुल रहीम, जो बांग्लादेश का निवासी है, अभी भी फरार है। फिलहाल, मनवर शेख से पूछताछ जारी है, और अधिकारियों का मानना है कि इस रैकेट में और भी बड़े नाम शामिल हो सकते हैं।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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