कोलकाता, 09 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । कोलकाता के धर्मतला मोड़ पर बुधवार शाम को भारी जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे वाहन चालकों और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। आरोप है कि पुलिस ने जानबूझकर इस जाम को पैदा किया, जिससे गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं और वाहन चालक पुलिस के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करने लगे। पैसा करने का इरादा, यहां चल रहे डॉक्टरों के आंदोलन को बदनाम करना है।
शाम को धर्मतला और चांदनी चौक के आसपास की सड़कों पर अव्यवस्थित तरीके से बसें, तेल के टैंकर और छोटी गाड़ियां खड़ी थीं, जिनके चालक अपनी गाड़ियों से उतरकर सड़कों पर खड़े हो गए थे। इस वजह से आसपास की सभी गाड़ियां एक जगह फंसी रहीं और यातायात पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया। कई वाहन चालकों का कहना है कि पुलिस ने उनकी गाड़ियों की चाबियां निकाल लीं, जिससे जानबूझकर जाम पैदा किया गया।
हालांकि, इस मामले में पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। वहीं, पुलिस के खिलाफ आक्रोशित वाहन चालकों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन भी किया।
धर्मतला मोड़ पर लगे इस जाम का एक और पहलू यह भी था कि उसी समय जूनियर डॉक्टरों का एक आंदोलन भी जारी था। चांदनी चौक इलाके में पुलिस और जूनियर डॉक्टरों के बीच झड़प और बहस हुई, जिसमें पुलिस ने ‘अभया परिक्रमा’ मिनीडोर को रोकने की कोशिश की। इसके बाद जूनियर डॉक्टरों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने विरोध स्वरूप सेंट्रल एवेन्यू पर रैली निकालते हुए आगे बढ़ने की कोशिश की।
इस दौरान, जब जूनियर डॉक्टरों की रैली धर्मतला की ओर बढ़ रही थी, वहां पहले से यातायात अवरुद्ध हो चुका था। पुलिस पर आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने जानबूझकर जाम उत्पन्न कर जूनियर डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन को प्रभावित करने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पुलिस ने यह दिखाने की कोशिश की कि जाम उनके आंदोलन की वजह से हुआ है, जिससे लोगों में उनके प्रति नकारात्मक भावना उत्पन्न हो।
हालांकि, जूनियर डॉक्टरों के मंसूबे पर इसका कोई असर नहीं पड़ा और वे खुद ही रास्ता साफ कर ‘अभया परिक्रमा’ मिनीडोर को धर्मतला के अनशन मंच तक ले गए, जहां उन्होंने अपनी रैली पूरी की।
जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी रैली को रोकने के लिए यह रणनीति अपनाई, ताकि आम जनता उनके आंदोलन के प्रति नाराज हो सके।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर