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हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में भारी वर्षा, जटोन डैम से छोड़ा पानी, आठ जिलों में बाढ़ का अलर्ट

सिरमौर में यमुना नदी उफान पर

शिमला, 2 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से मंद पड़ा मानसून फिर से सक्रिय हो गया है। येलो अलर्ट के बीच राज्य के अधिकांश हिस्सों में वर्षा का दौर शुरू हो गया है। सिरमौर जिला में बीती रात से भारी वर्षा हो रही है। इससे जिले की नदियां उफ़ान पर हैं। श्री रेणुका जी में गिरी नदी के जलस्तर में हुई बढ़ोतरी से जटोन डैम के दो फ्लड गेट खोलकर पानी छोड़ना पड़ा है। रात को करीब पौने दो बजे डैम से पानी छोड़ा गया। इससे यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया है।

प्रशासन ने यमुना नदी किनारे रहने वाले लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। जिला प्रशासन ने पुलिस थाना श्रीरेणुकाजी, पुलिस थाना पुरूवाला, पुलिस थाना माजरा व पुलिस थाना पांवटा साहिब को डैम से छोड़े गए पानी की जानकारी देने के साथ-साथ अलर्ट पर रखा है। साथ ही नदी के किनारे बसे ग्रामीणों को नदी से दूर रहने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए लोगों के लिए 1077 हेल्पलाइन भी जारी किया गया है।

राजधानी शिमला में भी मौसम के मिजाज बदल गए हैं और सुबह से हल्की वर्षा हो रही है। पिछले 3-4 दिनों से शिमला में धूप खिलने से लोगों को भारी वर्षा से राहत मिल रही थी। राज्य के मैदानी व जनजतीय इलाकों में घने बादल छाए हुए हैं औऱ वर्षा के पूरे आसार बने हुए हैं।

मौसम विभाग ने आज व कल मैदानी व मध्यपर्वतीय इलाकों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। इससे लोगों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। विभाग ने अगले 24 घण्टों के दौरान यानी मंगलवार शाम 5:30 बजे तक

आठ जिलों में बाढ़ का खतरा जताया है। मंडी, कांगड़ा, चम्बा, शिमला, सिरमौर, सोलन, कुल्लू और किन्नौर जिलों में बाढ़ की चेतावनी दी गई है। इन जिलों के लोगों को घरों से बाहर निकलते समय सतर्क रहने की सलाह दी गई है। लोगों को भूस्खलन संभावित इलाकों की यात्रा न करने और नदी-नालों से दूर रहने की हिदायत दी गई है। विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक आठ सितंबर तक राज्य में मौसम खराब रहेगा।

नाहन और नैना देवी में सबसे ज्यादा वर्षा

मौसम विभाग के मुताबिक बीती रात सिरमौर जिला के मुख्यालय नाहन में सबसे ज्यादा 143 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा बिलासपुर के नैना देवी में 130, सिरमौर के पच्छाद में 86, पांवटा साहिब में 72, धौलाकुआं में 66, कटौला में 55, सुंदरनगर में 46, पण्डोह में 34, चम्बा में 33 और भरमौर में 32 मिमी वर्षा हुई। कांगड़ा, सुंदरनगर व पालमपुर में मेघ गर्जन और आकाशीय बिजली का असर देखा गया।

मानसून से 1265 करोड़ का नुकसान, 271 मौतें

हिमाचल प्रदेश में मानसून ने 27 जून को दस्तक दी थी। मानसून सीजन में सामान्य से 24 फीसदी कम वर्षा हुई है। इसके बावजूद प्रदेश में बारिश ने जमकर तबाही मचाई। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार मानसून से 1265 करोड़ का नुकसान हुआ है। लोकनिर्माण विभाग को सबसे ज्यादा 588 करोड़ का नुकसान हुआ, जबकि जलशक्ति विभाग को 499 करोड़ की क्षति पहुंची। मानसून सीजन के दौरान वर्षा जनित हादसों में कुल 271 लोगों की मौत हुई है। इनमें बादल फटने से 23, बहने से 26, बाढ़ से आठ, भूस्खलन से छह, ऊंचाई से फिसलने से 38 और आसमानी बिजली से एक की मौत हुई है। विगत दो माह में बादल फटने, बाढ़ व भूस्खलन की 90 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इनमें 36 लोग मारे गए और 33 लापता हैं। इन घटनाओं में 122 मकान व 17 दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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